इतिहास

आपके पास इच्छाशक्ति है, तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं : ए पी जे अब्दुल कलाम

अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति थे,उन्हें एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से भी जाना जाता है. वे एक भारतीय एयरोस्पेस वैज्ञानिक और राजनेता थे. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति थे, जिन्हें मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से भी जाना जाता है ,उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के धनुषकोडी गाँव में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम परिवार में हुआ था।
अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक, अभियंता और शिक्षक थे। उन्होंने भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास के लिए जाना जाता है ।
अब्दुल कलाम का बचपन संघर्ष में बीता। उनके पिता जैनुलाब्दीन एक मध्यमवर्ग मुस्लिम परिवार से थे। लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से उच्च शिक्षा प्राप्त की और भारत के महान वैज्ञानिक बन गए।
अब्दुल कलाम ने 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।
और एक अमिट छाप छोड़ी उनका कार्यकाल भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों के समर्थन से शुरू हुआ था। उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए।
ए पी जे अब्दुल कलाम विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उनकी विलक्षणता निम्नलिखित कारणों से दिखाई देती है:
1. वैज्ञानिक और अभियंता के रूप में उनकी उत्कृष्टता।
2. उनकी अद्वितीय शिक्षा और प्रशिक्षण प्रणाली।
3. उनकी राष्ट्रपति के रूप में जनता के साथ जुड़ने की क्षमता।
4. उनकी प्रेरणादायक और सशक्त वाणी।
5. उनकी सरल और सादगीपूर्ण जीवनशैली।
6. उनकी राष्ट्रीय एकता और विकास के लिए समर्पण।
7. उनकी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार।
8. उनकी शिक्षा और युवाओं के विकास में रुचि।

अब्दुल कलाम की विलक्षण प्रतिभा ने उन्हें भारत के एक महान नेता और वैज्ञानिक के रूप में स्थापित किया। उनकी विरासत आज भी प्रेरणा का स्रोत है, और उनकी याद में कई संस्थान और पुरस्कार स्थापित किए गए हैं। उनके बारे में कुछ प्रसिद्ध उद्धरण हैं,
“आपके पास इच्छाशक्ति है, तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं।”
“सपने देखो, लक्ष्य निर्धारित करो, और उन्हें हासिल करो।”
“शिक्षा ही शक्ति है, और ज्ञान ही संपत्ति है।”
इन उद्धरणों से उनकी विलक्षण प्रतिभा और प्रेरणादायक व्यक्तित्व का पता चलता है।

— डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

वालिद, अशफ़ाक़ अहमद शाह, नाम / हिन्दी - मुश्ताक़ अहमद शाह ENGLISH- Mushtaque Ahmad Shah उपनाम - सहज़ शिक्षा--- बी.कॉम,एम. कॉम , बी.एड. फार्मासिस्ट, होम्योपैथी एंड एलोपैथिक मेडिसिन आयुर्वेद रत्न, सी.सी. एच . जन्मतिथि- जून 24, जन्मभूमि - ग्राम बलड़ी, तहसील हरसूद, जिला खंडवा , कर्मभूमि - हरदा व्यवसाय - फार्मासिस्ट Mobile - 9993901625 email- [email protected] , उर्दू ,हिंदी ,और इंग्लिश, का भाषा ज्ञान , लेखन में विशेष रुचि , अध्ययन करते रहना, और अपनी आज्ञानता का आभाष करते रहना , शौक - गीत गज़ल सामयिक लेख लिखना, वालिद साहब ने भी कई गीत ग़ज़लें लिखी हैं, आंखे अदब तहज़ीब के माहौल में ही खुली, वालिद साहब से मुत्तासिर होकर ही ग़ज़लें लिखने का शौक पैदा हुआ जो आपके सामने है, स्थायी पता- , मगरधा , जिला - हरदा, राज्य - मध्य प्रदेश पिन 461335, पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल मगरधा, पूर्व प्रधान पाठक उर्दू माध्यमिक शाला बलड़ी, ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी, कम्युनिटी हेल्थ वर्कर मगरधा, रचनाएँ निरंतर विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में 30 वर्षों से प्रकाशित हो रही है, अब तक दो हज़ार 2000 से अधिक रचनाएँ कविताएँ, ग़ज़लें सामयिक लेख प्रकाशित, निरंतर द ग्राम टू डे प्रकाशन समूह,दी वूमंस एक्सप्रेस समाचार पत्र, एडुकेशनल समाचार पत्र पटना बिहार, संस्कार धनी समाचार पत्र जबलपुर, कोल फील्डमिरर पश्चिम बंगाल अनोख तीर समाचार पत्र हरदा मध्यप्रदेश, दक्सिन समाचार पत्र, नगसर संवाद नगर कथा साप्ताहिक इटारसी, में कई ग़ज़लें निरंतर प्रकाशित हो रही हैं, लेखक को दैनिक भास्कर, नवदुनिया, चौथा संसार दैनिक जागरण ,मंथन समाचार पत्र बुरहानपुर, और कोरकू देशम सप्ताहिक टिमरनी में 30 वर्षों तक स्थायी कॉलम के लिए रचनाएँ लिखी हैं, आवर भी कई पत्र पत्रिकाओं में मेरी रचनाएँ पढ़ने को मिल सकती हैं, अभी तक कई साझा संग्रहों एवं 7 ई साझा पत्रिकाओं का प्रकाशन, हाल ही में जो साझा संग्रह raveena प्रकाशन से प्रकाशित हुए हैं, उनमें से,1. मधुमालती, 2. कोविड ,3.काव्य ज्योति,4,जहां न पहुँचे रवि,5.दोहा ज्योति,6. गुलसितां 7.21वीं सदी के 11 कवि,8 काव्य दर्पण 9.जहाँ न पहुँचे कवि,मधु शाला प्रकाशन से 10,उर्विल,11, स्वर्णाभ,12 ,अमल तास,13गुलमोहर,14,मेरी क़लम से,15,मेरी अनुभूति,16,मेरी अभिव्यक्ति,17, बेटियां,18,कोहिनूर,19. मेरी क़लम से, 20 कविता बोलती है,21, हिंदी हैं हम,22 क़लम का कमाल,23 शब्द मेरे,24 तिरंगा ऊंचा रहे हमारा,और जील इन फिक्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित सझा संग्रह1, अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा,2. तहरीरें कुछ सुलझी कुछ न अनसुलझी, दो ग़ज़ल संग्रह तुम भुलाये क्यों नहीं जाते, तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें, और नवीन ग़ज़ल संग्रह जो आपके हाथ में है तेरा इंतेज़ार आज भी है,हाल ही में 5 ग़ज़ल संग्रह रवीना प्रकाशन से प्रकाशन में आने वाले हैं, जल्द ही अगले संग्रह आपके हाथ में होंगे, दुआओं का खैर तलब,,,,,,,