कविता

कविता – सांस्कृतिक प्रतीक

रंग प्रतीक श्रंगार की धून पर,
एक खूबसूरत सी,
दुनिया को सौन्दर्य से सराबोर कर,
आगे बढ़ने की ताकत में,
प्रतीक का उन्नत स्थान है।
सनातनी संस्कृति में,
इस खूबसूरत संदेश में छिपा हुआ,
सबसे बेहतर सम्मान है।

जड़ों से जोड़ने में,
इसकी खास अहमियत है।
यही नवीन प्रयास है,
इस परिकल्पना से,
सब कुछ हासिल करने की,
मिलता बड़ी हिम्मत है।

पर्व त्यौहार एवं व्रत हम लोग,
उमंग और उत्साह से मनाते हैं।
खुशियां बेशूमार मिले,
उसकी ही गीत गाते हैं।

यही जिंदगी को बेहतर बनाने में,
हमेशा मदद करता है।
आनन्द और प्रसन्नता से,
सबों को रूबरू होना पड़ता है।

घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहें,
इसकी विशिष्ट पहचान है।
उम्मीद बनाएं रखने में,
सबसे बड़ी पहचान है।

नई नवेली परम्परा को,
आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए,
एकजुटता और उत्साह की,
खुशियां बेशूमार मिले,
नया वातावरण बनाता है।
सुख चैन से रहने का,
मतलब हमें सिखाता है।

हम कह सकते हैं कि,
यही एकता का संकल्प है।
कहने को तो दुनिया में बड़ी लम्बी कतार में,
तरह-तरह की बातें कही सुनी जाती है,
हमेशा आगे बढ़ने में,
सबसे बेहतर प्रकल्प है।

— डॉ. अशोक, पटना

डॉ. अशोक कुमार शर्मा

पिता: स्व ० यू ०आर० शर्मा माता: स्व ० सहोदर देवी जन्म तिथि: ०७.०५.१९६० जन्मस्थान: जमशेदपुर शिक्षा: पीएचडी सम्प्रति: सेवानिवृत्त पदाधिकारी प्रकाशित कृतियां: क्षितिज - लघुकथा संग्रह, गुलदस्ता - लघुकथा संग्रह, गुलमोहर - लघुकथा संग्रह, शेफालिका - लघुकथा संग्रह, रजनीगंधा - लघुकथा संग्रह कालमेघ - लघुकथा संग्रह कुमुदिनी - लघुकथा संग्रह [ अन्तिम चरण में ] पक्षियों की एकता की शक्ति - बाल कहानी, चिंटू लोमड़ी की चालाकी - बाल कहानी, रियान कौआ की झूठी चाल - बाल कहानी, खरगोश की बुद्धिमत्ता ने शेर को सीख दी , बाल लघुकथाएं, सम्मान और पुरस्कार: काव्य गौरव सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, कविवर गोपाल सिंह नेपाली काव्य शिरोमणि अवार्ड, पत्राचार सम्पूर्ण: ४०१, ओम् निलय एपार्टमेंट, खेतान लेन, वेस्ट बोरिंग केनाल रोड, पटना -८००००१, बिहार। दूरभाष: ०६१२-२५५७३४७ ९००६२३८७७७ ईमेल - [email protected]