कविता

शुभ दीपावली 

दीप से दीप जलाते चलो,

जगमग उजियार सजाते चलो,

अंधियारी गलियां होवे रोशन,

आनंद धन छितराते चलो।।

मिठाई नमकीन ढेरों पकवान,

नये-नये, मनपसंद परिधान,

द्वार रंगोली, सजाया वंदनवार,

शुभ कल्याणी भावना गुंजन।।

आकाश दीप सजाये सुन्दर,

रोषणाई जगमग, मांडणा मनहर,

माता लक्ष्मीजी के स्वागत में,

पूजा, अर्चना, भक्ति करे मिलकर।।

मिलजुल मनाये हम त्यौहार,

घर आँगन चहके प्यार-दुलार,

घर-घर वरते शुभ मंगलाचार, 

प्रेम की निर्झरणी बहे निरंतर।।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८