मुक्तक/दोहा

मुक्तक: सुंदर सपने

क्यों लगे हो मिथ्याओं के पीछे माला जपने,
जरूर देखिये सुखद भविष्य के सुंदर सपने,
खुद बढ़ना है तुझे आगे साथ नहीं आने वाला
कदम से कदम मिला चलने कोई भी अपने।
— राजेन्द्र लाहिरी

राजेन्द्र लाहिरी

पामगढ़, जिला जांजगीर चाम्पा, छ. ग.495554

Leave a Reply