गीत/नवगीत

सबके हित में काम करेंगे

जो जीवों को खाते है, वे जीवों से, क्या प्रेम करेंगे!

आज कर रहे प्रेम प्रदर्शन, कल उनका आहार करेंगे!!

जिसके मुँह है रक्त लग गया।

माँसाहार का चश्क लग गया।

मानवता को क्या समझेगा?

परपीड़न में, कंबख्त लग गया।

शाकाहार को अपनाकर ही, प्रकृति का सम्मान करेंगे।

आज कर रहे प्रेम प्रदर्शन, कल उनका आहार करेंगे!!

जिसके मुँह है, मुफ्त लग गया।

जिसे मुफ्त का माल मिल गया।

मुफ्तखोरों का स्व मर जाता,

आत्मा का भी मान मिट गया।

मुफ्तखोर जो मुफ्त चाहते, श्रम का क्या सम्मान करेंगे!

आज कर रहे प्रेम प्रदर्शन, कल उनका आहार करेंगे!!

दुखो से पीड़ित दुनिया सारी।

सबकी अपनी-अपनी बारी।

बोधिसत्व का बोध कह रहा,

नहीं चलाओ, किसी पर आरी।

पल-पल पीड़ा देते हैं जो, कैसे किसी को सुखी करेंगे!

आज कर रहे प्रेम प्रदर्शन, कल उनका आहार करेंगे!!

स्वयं कमाकर खाना सीखो।

सुख देना, सुख पाना सीखो।

शाकाहार को अपना कर,

सबको गले लगाना सीखो।

राष्ट्रप्रेमी संग साथ चलो मिल, सबके हित में काम करेंगे।

आज कर रहे प्रेम प्रदर्शन, कल उनका आहार करेंगे!!

डॉ. संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

जवाहर नवोदय विद्यालय, मुरादाबाद , में प्राचार्य के रूप में कार्यरत। दस पुस्तकें प्रकाशित। rashtrapremi.com, www.rashtrapremi.in मेरी ई-बुक चिंता छोड़ो-सुख से नाता जोड़ो शिक्षक बनें-जग गढ़ें(करियर केन्द्रित मार्गदर्शिका) आधुनिक संदर्भ में(निबन्ध संग्रह) पापा, मैं तुम्हारे पास आऊंगा प्रेरणा से पराजिता तक(कहानी संग्रह) सफ़लता का राज़ समय की एजेंसी दोहा सहस्रावली(1111 दोहे) बता देंगे जमाने को(काव्य संग्रह) मौत से जिजीविषा तक(काव्य संग्रह) समर्पण(काव्य संग्रह)