सत्ता का नशा
सत्ता का नशा
सिर चढ़ बोलता
रुतबा है
पैसे की खनक है इसमें
तभी तो
बेटा पिता से
पत्नी पति से
भाई भाई से
बहिन भाई से खिलावत कर
चुनावी जंग में भिड़ते एक दूसरे से
सत्ता का नशा
सिर चढ़ बोलता
रुतबा है
पैसे की खनक है इसमें
तभी तो
बेटा पिता से
पत्नी पति से
भाई भाई से
बहिन भाई से खिलावत कर
चुनावी जंग में भिड़ते एक दूसरे से