तरह तरह के लोग
संसार में तरह तरह के लोग है
कुछ अच्छे कुछ आस्तीन के सांप है
सामने से बहुत प्रेम दिखाते है
अंदर से छल कपट से भरे हुए है
सूरत के पीछे छिपे कई रंग है
बातें करते ऐसे जैसे हमारे हमदर्द है
जिनको हम अपना समझते है
वहीं अक्सर आस्तीन के सांप होते है
दोगली बातें कर सबका मन जीतते है
मीठी मीठी बातें कर विश्वास पात्र बनते है
जब आती परेशानी भाग खड़े होते है
यही लोग आस्तीन के सांप होते है.
— पूनम गुप्ता