गीतिका/ग़ज़ल

गज़ल

समेत लीजिये अब तो सब शूल मियां
फिर बिछावे आप राहों में फूल मियां

दीजिये अब ताजगी भरी आबोहवा
रही जीवन में गर्दिश की धूल मियां

मत करिये ऐसा काम पछताना पड़े
किसी बात की मत पकड़िये तूल मियां

ज़रा सी भी नहीं आवे आंच आप पर
शुरू से हो व्यवस्था ही माकूल मियां

जो भी मिला है कीमती वक्त आपको
उसको करें नहीं खर्च अब फिजूल मियां

फेंका पत्थर आकर गिरे आप पर ही
तब पत्थर फेंकने की न करें भूल मियां

फैला रहे हैं जो आतंक इस जहां में
चुभा उनको राष्ट्रीयता का त्रिशूल मियां

सुखी देखकर रमेश से मत ईर्ष्या कर
तू भी सुविधा के झूले में झूल मियां

— रमेश मनोहरा

रमेश मनोहरा

शीतला माता गली, जावरा (म.प्र.) जिला रतलाम, पिन - 457226 मो 9479662215