जीवन नैया
सादा जीवन, और उच्च विचार
लग जाएगी, जीवन, नैया पार।।
न कुछ तेरा, और न, कुछ मेरा
फिर किस बात पर, इतना बखेड़ा
मोह माया में, फंसकर, रह गये
फिर भला कैसे, होगा उद्धार।
सादा जीवन, और उच्च विचार
लग जाएगी, जीवन, नैया पार।।
इच्छाओं पर नियंत्रण
और मन में, संतुष्टि का भाव
न व्यर्थ की, हो आपा-धापी
और न बात -बात, पर तकरार।
सादा जीवन ,और उच्च विचार
लग जाएगी, जीवन , नैया पार।।
ईर्ष्या और द्वेष से, न हो सामना
बेवजह, अपना रौब, क्यों झाड़ना
निर्बल के अंदर, भी वही तत्व है
है सबका , एक ही, पालनहार ।
सादा जीवन, और उच्च विचार
लग जाएगी, जीवन, नैया पार।।
छोटों से प्यार, बड़ों का सम्मान
धन दौलत पर, न, हो अभिमान
माने सदा जो, विधि का विधान
मिट जाएंगे सब, मन के विकार
सादा जीवन, और उच्च विचार
लग जाएगी , जीवन, नैया पार।।
सात्विक भोजन, और परोपकार
घर आए अतिथि, का सत्कार
न भूलें किसी, का उपकार
रखें सदा अच्छे,आचार-विचार।
सादा जीवन,और उच्च विचार
लग जाएगी, जीवन, नैया पार।।
प्रभु से नजदीकी,खुद की पहचान
आत्मनिरीक्षण व, नियमित ध्यान
मर्यादित दिनचर्या,और प्राणायाम
जग जाएंगे ,मन में , सुंदर विचार।
सादा जीवन, और उच्च विचार
लग जाएगी, जीवन, नैया पार।।
कुछ दिन का, ही है, यहां बसेरा
एक दिन, उठ, जाएगा डेरा
जब जागो, बस, तभी सवेरा
सद्कर्मों से, होगा, बेड़ा पार।।
सादा जीवन, और उच्च विचार
लग जाएगी, जीवन, नैया पार।।
— नवल अग्रवाल