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प्रेरणा

प्रेरणा

“नंदू बेटा, तुम्हारा एहसान हम जिंदगी भर नहीं भूलेंगे। तुम्हारी प्रेरणा से ही मेरे दोनों पोते अब डॉक्टरी की पढ़ाई करेंगे। समझ में नहीं आता कि तुम्हारा ये अहसान हम कैसे चुका पाएँगे।” बुजुर्ग रामदास ने कहा। 

“कोई अहसान नहीं काका। मैं तो बस यूँ ही।” नंदू बोला। 

“बेटा, मुझे पता है मुंबई में तुम्हारी अच्छी जान-पहचान है, तभी तो तुम बड़े-बड़े हीरो-हीरोइनों की ऑटोग्राफ वाले फोटो हमारे बच्चों को लेकर देते हो। मैं समझ सकता हूँ कि इतना आसान भी नहीं होता है ये काम।”

“चाचा जी, आपको तो पता ही है कि मैं मुंबई में एक प्राइवेट सिक्योरिटी सर्विस सेंटर का एक मामूली सा गार्ड हूँ। यहाँ गाँव के बच्चे तो फिल्मी सितारों के दीवाने हैं। वे मुझसे उनके ऑटोग्राफ वाले फोटो माँगते हैं, तो मैं उनसे वचन लेता हूँ कि उसके बदले वे खूब पढ़ाई करेंगे और क्लास में टॉप करके दिखाएँगे, तभी दिलवाऊँगा। ऑटोग्राफ वाले फोटो के लालच में वे जमकर पढ़ाई करते हैं, तब… “

“तब क्या नंदू ?”

“तब मैं मुंबई में सड़क किनारे बिकने वाले फोटो में खुद ही हीरो-हीरोइनों के नकली ऑटोग्राफ बनाकर उन्हें गिफ्ट कर देता हूँ।”

“नंदू काका, ये क्या बोल रहे हैं आप ? इसका मतलब ये है कि अभी तक आपने हमें जो ऑटोग्राफ वाले फोटो गिफ्ट किये हैं, वे सब नकली हैं।” रामदास का पोता रमन बोला, जो उनकी बात चुपके से सुन लिया था। 

“हाँ बेटा रमन, वे सभी नकली ऑटोग्राफ हैं। पर बेटा, मेरा मकसद आप लोगों को धोखा दे नहीं था। मेरी नीयत एकदम साफ़ है। मैं नहीं चाहता था कि बड़े होकर आप लोगों को भी मेरी तरह छोटी-मोटी नौकरी करनी पड़े। तुम्हारे मम्मी-पापा और दादा-दादी भी चाहते थे कि तुम दोनों भाई बड़े होकर डॉक्टरी की पढ़ाई करो। और देखो, तुम दोनों भाई अब मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले चुके हैं।”

“हाँ, ये बात तो है काका। और वो तो होना ही था। आपने भी तो मुझसे प्रॉमिस किया था कि जब मैं मेडिकल इंट्रेंस परीक्षा पास कर लूँगा, तो आप मुझे अमिताभ बच्चन की ऑटोग्राफ वाले फोटो गिफ्ट करेंगे।”

“…..”

“नंदू काका, आप बहुत ही अच्छे इंसान हैं। चाहे जैसे भी हो, आपने गाँव के कई बच्चों की लाइफ बना दी है। आप निश्चिंत रहिये, ये राज, राज ही रहेगा, क्योंकि हम चाहते हैं कि आगे भी आप ऐसा नेक कार्य करते रहें।” कहते हुए रमन ने नन्दू काका के चरण स्पर्श किये तो उन्होंने उसे गले से लगा लिया।

– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़     

*डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा

नाम : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा मोबाइल नं. : 09827914888, 07049590888, 09098974888 शिक्षा : एम.ए. (हिंदी, राजनीति, शिक्षाशास्त्र), बी.एड., एम.लिब. एंड आई.एससी., (सभी परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण), पीएच. डी., यू.जी.सी. नेट, छत्तीसगढ़ टेट लेखन विधा : बालकहानी, बालकविता, लघुकथा, व्यंग्य, समीक्षा, हाइकू, शोधालेख प्रकाशित पुस्तकें : 1.) सर्वोदय छत्तीसगढ़ (2009-10 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 2.) हमारे महापुरुष (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 10-10 प्रति नि: शुल्क वितरित) 3.) प्रो. जयनारायण पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 4.) गजानन माधव मुक्तिबोध - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 5.) वीर हनुमान सिंह - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 6.) शहीद पंकज विक्रम - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 7.) शहीद अरविंद दीक्षित - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 8.) पं.लोचन प्रसाद पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 9.) दाऊ महासिंग चंद्राकर - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 10.) गोपालराय मल्ल - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 11.) महाराज रामानुज प्रताप सिंहदेव - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 12.) छत्तीसगढ रत्न (जीवनी) 13.) समकालीन हिन्दी काव्य परिदृश्य और प्रमोद वर्मा की कविताएं (शोधग्रंथ) 14.) छत्तीसगढ के अनमोल रत्न (जीवनी) 15.) चिल्हर (लघुकथा संग्रह) 16.) संस्कारों की पाठशाला (बालकहानी संग्रह) 17.) संस्कारों के बीज (लघुकथा संग्रह) अब तक कुल 17 पुस्तकों का प्रकाशन, 80 से अधिक पुस्तकों एवं पत्रिकाओं का सम्पादन. अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादक मण्डल सदस्य. मेल पता : [email protected] डाक का पता : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा, विद्योचित/लाईब्रेरियन, छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम, ब्लाक-बी, ऑफिस काम्प्लेक्स, सेक्टर-24, अटल नगर, नवा रायपुर (छ.ग.) मोबाइल नंबर 9827914888