कलम की ताकत
कलम की ताकत को सच में तुम मानो बेजोड़,
अच्छे-अच्छे को कर देती ये भ्रमित और मोड़,
लिखित शब्दों का जादू सर चढ़कर बोलता,
कलमकार भावों में अद्भुत मधु ऐसा घोलता ।
दिल और दिमाग पर करती ये सीधा गहरा असर,
मौन हो, लेखन की त्वरित अभिव्यक्ति खासकर,
देश भक्ति का जोश हो या चाहे मन की उदासी,
कलम ने भावों का रस दिया जो आत्मा प्यासी ।
कलम से ही वेद, पुराण, ग्रंथ, उपन्यास मुखरित,
कलम से ही प्रकृति सौंदर्य “आनंद” वर्णन कथित,
साहित्य विधाओं की प्राण ऊर्जा संचरण है कलम,
तलवार को जो मात दे वो तीव्र धार है कलम ।
कलम इतिहास की साक्षी, संस्कृति को सहेजती,
कलम विस्तृत आहृवान कर एकता को उकेरती,
कलम की जादूगरी की मिली न कोई मिसाल,
जिसने जानी ये कलाकारी उसका लेख बेमिसाल ।
— मोनिका डागा “आनंद”