कविता

मेरा भारत महान

हमें गर्व है अपनी मातृभूमि पर
जाति -धर्म, भाषा, संस्कार, तीज, त्योहार, परिवेश पर
विकास के बढ़ते आयाम, सम्मान स्वाभिमान पर।
हमें गर्व है अपने लोकतंत्र, अपने आधार पर
अपने देश की नीति और नियंताओं पर
वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते प्रभाव संग
अपने सुरक्षा तंत्र और सैन्य बलों पर।
आँखों में आँखें डालकर बात करने की दृढ़ता पर
अतिक्रमण वाली नीति की विमुखता पर
हर व्यक्ति, राष्ट्र की खुशहाली और संपन्नता की नीति पर
देश के दुश्मनों को माटी में मिलाने की नीति पर।
खुद को समर्थ और मजबूत करने की नीति पर,
हमें विश्वास है अपनी माटी, अपनी मातृभूमि पर,
हमें गर्व है अपने तिरंगे और तिरंगे की शान पर,
हमें शिकायत नहीं अपने देश और देश की व्यवस्था पर
अपने देश, अपनी माटी और अपनी संवेदनशीलता पर
क्योंकि ये देश मेरा है, और हम इसकी संतान हैं,
जिस पर हमें गर्व है कि मेरा भारत महान है।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921