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विष्णु सक्सेना को मिला कादंबरी विविधा सम्मान 2024

सृजन चेतना को समर्पित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रियाशील संस्था कादंबरी जबलपुर द्वारा अ भा साहित्यकार /पत्रकार अलंकरण सम्मान 2024 का आयोजन 9नवंबर 2024को शहीद स्मारक भवन गोल बाजार जबलपुर में आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि कुलाधिपति डा संतोष चौबे भोपाल व अतिथि अनूप श्रीवास्तव संपादक अट्टहास लखनऊ थे । समारोह की अध्यक्षता महाकवि आचार्य भगवत दुबे ने की तथा बताया कि 2002 से यह सम्मान समारोह अनवरत जारी है। मंच संचालन कादंबरी के महासचिव राजेश पाठक ने सुरुचिपूर्ण ढंग से करते हुए बताया कि आज विभिन्न विधाओं के 118 साहित्यकार व पत्रकार सम्मानित किए जा रहे हैं। गाजियाबाद के वरिष्ठ  कवि व लघुकथाकार  विष्णु सक्सेना को भी इस अवसर पर उनके खंड काव्य “सुनो राधिके सुनो” तथा दूसरे लघुकथा संग्रह” अंधेरों से आगे ” के लिए तथा दीर्घकालीन साहित्यिक योगदान के लिए कादंबरी सम्मान के अंतर्गत विविधा सम्मान ( दादू महेंद्र सिंह सम्मान ) से सम्मानित किया गया। उन्हें अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति डा चैन सिंह तहरयार ने वैजयंती माला  व आचार्य भगवत दुबे ने शॉल पहना कर तथा सम्मान पत्र व पुरुस्कार राशि देकर सम्मानित किया। इससे पूर्व सक्सेना जी को सुनो राधिके सुनो के लिए ऊ प्र हिंदी संस्थान लखनऊ द्वारा 2021 में जय शंकर प्रसाद सम्मान रु 75000 राशि के साथ तथा जयपुर साहित्य संगति द्वारा श्रेष्ठ काव्य कृति सम्मान 2022 व रू 3100 के साथ सम्मानित किया जा चुका है। इस अवसर पर आचार्य भगवत दुबे की कृति “पलक पांवड़े”, अश्वनी कुमार पाठक की कृति “दृष्टिकोण”, राजेंद्र मिश्रा की कृति  “कृतिका ” तथा “अट्टहास” पत्रिका के आचार्य दुबे पर केंद्रित अंक व स्मारिका कादंबरी 2024 का लोकार्पण भी किया गया ।

विष्णु सक्सेना

पिता - स्व ;महाशय विशम्बर दयाल माता -स्व ;श्रीमती कौशिल्या देवी जन्म -26 जनवरी 1941 ,दिल्ली शिक्षा -,डी एम् ई आनर्स रूडकी विश्वविद्यालय 1964 सम्प्रति -सेवा निवृत डिप्टी चीफ इंजिनियर एच एम् टी पिंजोर ; अब स्वतंत्र लेखन ; राज्य श्रेष्ठ कृति -बैंजनी हवाओं में [काव्य संग्रह ] भाषा विभाग हरियाणा द्वारा [1972] ;अक्षर हो पुरुस्कार तुम [खंड काव्य ] हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा 2014 ; पुरुस्कृत कहानियाँ -वापसी [1996] ,चमक आत्म सम्मान की [1997] ,मुक्ति एक बोन्जाई की [1999] तीनो कहानियां हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा पुरुस्कृत लघु शोध प्रबंध -विष्णु सक्सेना –व्यक्तित्व व कृतित्व [1998] कुसुम लता द्वारा :कहानीकार विष्णु सक्सेना [2004] अनीता नयन द्वारा : अक्षर हो तुम में मानव मूल्य [2017] कृषण चंदर द्वारा ; सभी कुरुषेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा से एम् फिल के लिए स्वीकृत सम्मान -राष्ट्रीय हिंदी सहस्त्राब्दी सम्मान [2000] मानव संसाधन मंत्रालय नई दिल्ली : व अन्य सम्पादन -कलादीप [लघु पत्रिका ]1973 से 1975 तक :चित्रांश उदगार [एकता अंक ]सितम्बर 1997 मौलिक कृतियाँ -काव्य संग्रह –बैंजनी हवाओं में 1976, गुलाब कारखानों में बनते हैं 1995,धूप में बैठी लड़की 2010 .सिरहन सांसों की 2013 :खंड काव्य –अक्षर हो तुम 2013 ,सुनो राधिके सुनो 2021 : कहानी संग्रह _बड़े भाई 1995 ,वापसी 2003 : लघु कथा संग्रह _एक कतरा सच 2018 सम्पर्क -एस जे 41 , शास्त्री नगर ,गाज़ियाबाद 201002 उ प्र : मो - 9896888017 ई मेल [email protected]

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