कविता

योग करें

योग करें, रोज करें,
जीवन का सदुपयोग करें।
रोज योग करने का संकल्प दृढ़ करें,
योग करके स्वस्थ, सुंदर शरीर सुदृढ़ करें।
करोगे योग तो जीवन में सदा रहोगे मस्त,
निरंतर योग से सभी रोग होंगे धवस्त।
शरीर बनेगा निरोगी और अंग बनेंगे मजबूत,
हमेशा रहोगे डाक्टर से दूर योग देता है ये सबूत।
सभी रोगों का बस एक ही दवा, एक ही विकल्प,
प्राणायाम रोज करने का कर लो संकल्प।
बुढ़ापा भी डरता है योग से, चुस्त- दुरूस्त बनेगा सेहत,
सौ साल की होगी उम्र योग देता है नसीहत।
सौ बातों की एक बात योग सबका मूल,
दिनचर्या के काम में, योग करना न जाए भूल।

— मृदुल शरण