धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

विश्व दर्शन दिवस।

अध्यात्म दर्शन (Spiritualism),,, यह दर्शन आत्मा और परमात्मा के संबंध को समझने के लिए है।

नास्तिकता दर्शन (Atheism),,, यह दर्शन ईश्वर के अस्तित्व को नकारता है।

सापेक्षता दर्शन (Relativism),,, यह दर्शन सच्चाई को सापेक्ष मानता है।

मार्क्सवाद दर्शन (Marxism),,, यह दर्शन समाजवाद और साम्यवाद के सिद्धांतों पर आधारित है।

वेदांत दर्शन (Vedanta),,, यह दर्शन हिंदू धर्म के वेदों पर आधारित है।

बौद्ध दर्शन (Buddhism),,, यह दर्शन भगवान बुद्ध के सिद्धांतों पर आधारित है।

जैन दर्शन (Jainism),,,,,यह दर्शन अहिंसा और आत्म-साक्षरता पर आधारित है।

स्टोइक दर्शन (Stoicism),,,, यह दर्शन आत्म-नियंत्रण और जीवन के उद्देश्य पर आधारित है।

एक्सिस्टेंशियलिज़म दर्शन (Existentialism),,, यह दर्शन व्यक्तिगत स्वतंत्रता और जीवन के अर्थ पर आधारित है।

तर्कवाद दर्शन (Rationalism),,,यह दर्शन तर्क और बुद्धि पर आधारित है।

इन दर्शनों के अलावा, कई अन्य दर्शन भी हैं जो विभिन्न दृष्टिकोणों और सिद्धांतों पर आधारित हैं।हम वेदांत दर्शन को समझने का प्रयास करते हैं।

वेदांत दर्शन,,, हिंदू धर्म के छह ऑर्थोडॉक्स दर्शनों में से एक है। 

आर्थोडॉक्स (Orthodox) एक यूनानी शब्द है, जिसका अर्थ है “सही या ठीक विचार” या “पारंपरिक विचार”। यह शब्द धार्मिक, दर्शनिक या राजनीतिक संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।

आर्थोडॉक्स के मुख्य अर्थ हैं,

जो विचार पारंपरिक रूप से स्वीकृत होते हैं और जिन्हें लंबे समय से माना जाता है।

जो विचार सही या ठीक माने जाते हैं और जिन्हें अधिकांश लोग स्वीकार करते हैं।

जो धार्मिक विचार और प्रथाएं पारंपरिक रूप से स्वीकृत होती हैं और जिन्हें धार्मिक समुदाय द्वारा माना जाता है।

हिंदू धर्म में, आर्थोडॉक्स दर्शनों का अर्थ है,

वेदों की प्रमाणिकता,पारंपरिक धार्मिक प्रथाओं का पालन,आत्मा और मोक्ष के सिद्धांतों का मानना

हिंदू धर्म के छह आर्थोडॉक्स दर्शन हैं,

न्याय दर्शन,वैशेषिक दर्शन,सांख्य दर्शन,योग दर्शन,मीमांसा दर्शन,वेदांत दर्शन

इन दर्शनों को आर्थोडॉक्स कहा जाता है क्योंकि वे वेदों की प्रमाणिकता को मानते हैं और पारंपरिक धार्मिक प्रथाओं का पालन करते हैं।यहां हम वेदांत दर्शन की बात कर रहे हैं,

यह दर्शन वेदों पर आधारित है, और इसका उद्देश्य आत्म-ज्ञान और मोक्ष प्राप्त करना है।

मुख्य सिद्धांत।ब्रह्म, वेदांत दर्शन में ब्रह्म को सर्वोच्च सत्ता माना जाता है,आत्मा को ब्रह्म का हिस्सा माना जाता है।माया को भ्रम या अज्ञानता के रूप में देखा जाता है।कर्म को वेदांत दर्शन में महत्वपूर्ण माना जाता है।मोक्ष को आत्म-ज्ञान और ब्रह्म से एकत्व की अवस्था माना जाता है।

उप-शाखाएं।

अद्वैत वेदांत,इस शाखा में ब्रह्म और आत्मा को एक माना जाता है।

द्वैत वेदांत, इस शाखा में ब्रह्म और आत्मा को अलग माना जाता है।

विशिष्टाद्वैत वेदांत,इस शाखा में ब्रह्म और आत्मा को एक लेकिन अलग भी माना जाता है।

प्रमुख ग्रंथ,उपनिषद,ब्रह्मसूत्र,भगवद्गीता हैं।

प्रमुख आचार्य,

आदिशंकराचार्य,रामानुजाचार्य,मध्वाचार्य

वेदांत दर्शन का महत्व,आत्म-ज्ञान की प्राप्ति,मोक्ष की प्राप्ति,जीवन के उद्देश्य की समझ,आध्यात्मिक विकास

यह दर्शन हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।

— डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

वालिद, अशफ़ाक़ अहमद शाह, नाम / हिन्दी - मुश्ताक़ अहमद शाह ENGLISH- Mushtaque Ahmad Shah उपनाम - सहज़ शिक्षा--- बी.कॉम,एम. कॉम , बी.एड. फार्मासिस्ट, होम्योपैथी एंड एलोपैथिक मेडिसिन आयुर्वेद रत्न, सी.सी. एच . जन्मतिथि- जून 24, जन्मभूमि - ग्राम बलड़ी, तहसील हरसूद, जिला खंडवा , कर्मभूमि - हरदा व्यवसाय - फार्मासिस्ट Mobile - 9993901625 email- [email protected] , उर्दू ,हिंदी ,और इंग्लिश, का भाषा ज्ञान , लेखन में विशेष रुचि , अध्ययन करते रहना, और अपनी आज्ञानता का आभाष करते रहना , शौक - गीत गज़ल सामयिक लेख लिखना, वालिद साहब ने भी कई गीत ग़ज़लें लिखी हैं, आंखे अदब तहज़ीब के माहौल में ही खुली, वालिद साहब से मुत्तासिर होकर ही ग़ज़लें लिखने का शौक पैदा हुआ जो आपके सामने है, स्थायी पता- , मगरधा , जिला - हरदा, राज्य - मध्य प्रदेश पिन 461335, पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल मगरधा, पूर्व प्रधान पाठक उर्दू माध्यमिक शाला बलड़ी, ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी, कम्युनिटी हेल्थ वर्कर मगरधा, रचनाएँ निरंतर विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में 30 वर्षों से प्रकाशित हो रही है, अब तक दो हज़ार 2000 से अधिक रचनाएँ कविताएँ, ग़ज़लें सामयिक लेख प्रकाशित, निरंतर द ग्राम टू डे प्रकाशन समूह,दी वूमंस एक्सप्रेस समाचार पत्र, एडुकेशनल समाचार पत्र पटना बिहार, संस्कार धनी समाचार पत्र जबलपुर, कोल फील्डमिरर पश्चिम बंगाल अनोख तीर समाचार पत्र हरदा मध्यप्रदेश, दक्सिन समाचार पत्र, नगसर संवाद नगर कथा साप्ताहिक इटारसी, में कई ग़ज़लें निरंतर प्रकाशित हो रही हैं, लेखक को दैनिक भास्कर, नवदुनिया, चौथा संसार दैनिक जागरण ,मंथन समाचार पत्र बुरहानपुर, और कोरकू देशम सप्ताहिक टिमरनी में 30 वर्षों तक स्थायी कॉलम के लिए रचनाएँ लिखी हैं, आवर भी कई पत्र पत्रिकाओं में मेरी रचनाएँ पढ़ने को मिल सकती हैं, अभी तक कई साझा संग्रहों एवं 7 ई साझा पत्रिकाओं का प्रकाशन, हाल ही में जो साझा संग्रह raveena प्रकाशन से प्रकाशित हुए हैं, उनमें से,1. मधुमालती, 2. कोविड ,3.काव्य ज्योति,4,जहां न पहुँचे रवि,5.दोहा ज्योति,6. गुलसितां 7.21वीं सदी के 11 कवि,8 काव्य दर्पण 9.जहाँ न पहुँचे कवि,मधु शाला प्रकाशन से 10,उर्विल,11, स्वर्णाभ,12 ,अमल तास,13गुलमोहर,14,मेरी क़लम से,15,मेरी अनुभूति,16,मेरी अभिव्यक्ति,17, बेटियां,18,कोहिनूर,19. मेरी क़लम से, 20 कविता बोलती है,21, हिंदी हैं हम,22 क़लम का कमाल,23 शब्द मेरे,24 तिरंगा ऊंचा रहे हमारा,और जील इन फिक्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित सझा संग्रह1, अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा,2. तहरीरें कुछ सुलझी कुछ न अनसुलझी, दो ग़ज़ल संग्रह तुम भुलाये क्यों नहीं जाते, तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें, और नवीन ग़ज़ल संग्रह जो आपके हाथ में है तेरा इंतेज़ार आज भी है,हाल ही में 5 ग़ज़ल संग्रह रवीना प्रकाशन से प्रकाशन में आने वाले हैं, जल्द ही अगले संग्रह आपके हाथ में होंगे, दुआओं का खैर तलब,,,,,,,