बाल कविता

माँ

माँ ने मुझे संभाला मुझे सीनो से लगाया
मेरे दुखों के पल मे हिम्मत का पाठ पढा़या
मेरे लबो की उदासी तु क्षण मे भाप लेती
मैं बताऊ ना बताऊं तु सब कुछ जान लेती
मै थक हार जब जाती तु पीठ थपथपाती
थोड़ी सी मेहनत करले मनोबल को तु बढ़ाती
इतनी सी बात मे मै अपनी नींद खो देती
मैं चैन खो देती
तेरी बताये मार्ग पे मैं झट से दौड़ लगाती।

— बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।