दीप अपनी माटी के
दीप माला,पुष्पहार,
सजाये बंदनवार,
रंगोली में रंग भर,
आँगन सजाइये।।
दीप अपनी माटी के,
प्रेम पगी संस्कृति के,
घर-द्वार उजियारा,
उत्सव मनाइये।।
होवे आदर-सत्कार,
खिले आनंद बहार,
फल, मेवा, मिठाई,
सब-मिल खाइये।।
मेरा भारत महान,
स्वदेशी का हो सम्मान,
राष्ट्र प्रेम दीप ज्योति,
आलोक जगाइये।।