यात्रा वृत्तान्त

मेरी जर्मनी यात्रा

जर्मनी मध्य यूरोप में स्थित एक समृद्ध देश है। यह रूस के बाद यूरोप का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है I यह यूरोपीय संघ का भी सबसे अधिक आबादी वाला सदस्य देश है। जर्मनी उत्तर में बाल्टिक और उत्तरी समुद्र तथा दक्षिण में आल्प्स के बीच में स्थित है। इसकी सीमा उत्तर में डेनमार्क, पूर्व में पोलैंड व चेक गणराज्य, दक्षिण में ऑस्ट्रिया एवं स्विट्जरलैंड और पश्चिम में फ्रांस, लक्ज़मबर्ग, बेल्जियम और नीदरलैंड को स्पर्श करती है। देश की राजधानी और सबसे अधिक आबादी वाला शहर बर्लिन है I फ्रैंकफर्ट जर्मनी का प्रमुख वित्तीय केंद्र है । यूरोप के कई देश यूरोपीय संघ की उदार शरणार्थी नीति का खामियाजा भुगत रहे हैं जिनमें जर्मनी भी शामिल है I आज लगभग हर दस में से एक जर्मन विदेशी मूल का है । यहाँ सबसे बड़े अल्पसंख्यक तुर्की मूल के हैं जिनका आगमन 1950 के दशक में शुरू हुआ था । लगभग दो-तिहाई जर्मन ईसाई हैं। जर्मनी को कवियों और विचारकों की भूमि कहा जाता है। कला के सभी रूपों में जर्मनी के प्रतिभा पुरुषों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है I विशेषकर शास्त्रीय संगीत में तो जर्मन लोगों का कोई मुकाबला नहीं है । जर्मन सरकार देश के वन्यजीवों की रक्षा के लिए निरंतर प्रयास करती है। जर्मनी में 97 प्राकृतिक रिजर्व हैं जिनमें सबसे बड़ा ब्लैक फॉरेस्ट है। जर्मन सरकार के ईमानदार प्रयासों के बावजूद कई वन्य जीव प्रजातियाँ विलुप्त होने के कगार पर हैं I द्वितीय विश्वयुद्ध में पराजय के बाद जर्मनी बर्बाद हो गया था। पश्चिम जर्मनी फिर से यूरोप का सबसे अमीर देश बन गया, लेकिन साम्यवादी नियंत्रण में पूर्वी जर्मनी बहुत पीछे रह गया। 1989 में दोनों देशों के एकीकरण के बाद जर्मनी ने पूर्वी जर्मनी को आधुनिक बनाने के लिए अरबों डॉलर खर्च किए। इसके उपरांत जर्मनी एक मजबूत अर्थव्यवस्था के साथ एक महाशक्ति के रूप में उभरा I अब यह यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है I औद्योगिक, वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में एक वैश्विक शक्ति के रूप में जर्मनी दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक और आयातक है। जर्मनी में बेहतरीन चर्च और कैथेड्रल हैं जो शानदार वास्तुशिल्प के उदाहरण हैं I इन चर्चों और किलों में सदियों का कौशल और कल्पनाशीलता के दर्शन होते हैं I कैथेड्रल के टावर और मीनारें जर्मनी के कला-कौशल के साक्षी हैं I जर्मनी में जर्मन भाषा बोली जाती है I जर्मन भाषा अंग्रेजी और डच भाषा के अत्यंत निकट है I लगभग 10 करोड़ लोग जर्मन भाषा बोलते हैं I जर्मन भाषा को सामान्यतः दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-निम्न जर्मन और उच्च जर्मन I उत्तरी जर्मनी में बोली जानेवाली भाषाओँ अथवा बोलियों को निम्न जर्मन (Low German) कहा जाता है जबकि उच्च जर्मन (High German) इस भाषा का मानक रूप है I 1870 ई. में यूरोप में एक नवीन युग का श्रीगणेश हुआ जिसका केंद्रबिंदु जर्मनी था I वर्ष 1870 ई. में जर्मनी के एकीकरण के साथ यूरोप की राजनीति में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ और एक शक्तिशाली जर्मन राष्ट्र का उदय हुआ I इसके उपरांत जर्मनी ने यूरोप की पारंपरिक राजनीति को परिवर्तित कर दिया I 1870 ई. के पूर्व यूरोप की राजनीति पर फ़्रांस का व्यापक प्रभाव था, लेकिन जर्मनी से परास्त होने के कारण यूरोप में फ़्रांस का प्रभाव क्षीण हो गया I अब फ़्रांस के स्थान पर जर्मनी यूरोपीय शक्ति व सत्ता का केंद्र बन गया और अगले पाँच दशकों तक यूरोप की राजनीति को नियंत्रित करता रहा I 1871 ई. से 1890 ई. तक नवस्थापित जर्मन साम्राज्य का चांसलर बिस्मार्क था I उसके प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण इस युग को बिस्मार्क युग कहा जाता है I

      30 अप्रैल 2023 को मैं, पत्नी सुधा जी, बेटी अर्चना, दामाद अंकित, अंकित की माँ संध्या जी, संदीप और प्रज्ञा दो कारों में सवार होकर सुबह नौ बजे जर्मनी के शहर कोहेम के लिए रवाना हुए I यूरोप में एकमात्र जर्मनी ऐसा देश है जहाँ कोई गति सीमा नहीं होती है I इसलिए लोग प्रायः 160, 180 और अनेक लोग 200 प्रति घंटे की रफ़्तार से कार चलाते हैं I सभी वाहनों के लिए 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति की अनुशंसा की गई है, लेकिन इससे अधिक की गति से वाहन चलाना भी अवैध नहीं है I हमारी कार 150 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही थी I रास्ते में अंगूर के खेत थे I इन खेतों को देखना एक अलग प्रकार का अनुभव था I

बुर्ग एलिज (Burg Eltz)-कोहेम का भ्रमण करने से पहले बुर्ग एलिज को देखने का विचार था I यह कोहेम जाने के रास्ते में है I दिन में एक बजे हमलोग बुर्ग एलिज पहुँच गए I  शटल बस से दस मिनट में हमलोग किले तक पहुँच गए I बुर्ग एलिज जर्मनी के सबसे पुराने किलों में से एक है I किलों के प्रति जर्मनी के लोगों की दीवानगी अद्भुत है I यहाँ सदियों से किलों के प्रति अटूट प्रेम रहा है I जिस प्रकार कुछ लोग डाक टिकटों का संग्रह करते हैं उसी प्रकार जर्मनी के लोग किलों और महलों का संग्रह व संरक्षण करते हैं I यह सामंती व्यवस्था की विरासत है जिसने 1871 के एकीकरण तक इस क्षेत्र को जागीर बना दिया था I यह किला घने जंगल के बीच में स्थित है I मोजेल नदी की घाटी में स्थित यह किला इतिहास की अनेक कहानियाँ सुनाता है I इसे जर्मनी का सबसे रोमांचकारी मध्यकालीन किला माना जाता है I लगभग 800 वर्ष पहले निर्मित इस किले को देखने के लिए पूरे यूरोप से लोग आते हैं I इसकी एक विशेषता है कि इसे कभी ध्वंश नहीं किया जा सका I इस पर अभी भी इसके मूल मालिक के परिवार का अधिकार है I किले के अंदर जाने के लिए लंबी लाइन लगी थी I इसलिए हमलोगों ने अंदर जाने का मोह त्याग दिया क्योंकि लाइन में लगने पर एक घंटे से अधिक समय लग सकता था I हमलोगों ने बाहर से ही कुछ फोटो ले लिए I इसके बाद हमलोग कोहेम के लिए रवाना हो गए I आधे घंटे में हमलोग कोहेम पहुँच गए I

कोहेम (Cochem)कोहेम जर्मनी का एक छोटा, लेकिन बहुत सुन्दर शहर है I यहाँ पूरे यूरोप के पर्यटक घूमने और स्थानीय मदिरा का आनंद लेने के लिए आते हैं I समुद्र तल से कोहेम की ऊँचाई लगभग 83 मीटर है I इस नगरपालिका क्षेत्र का विस्तार मात्र 21 वर्गकिलोमीटर में है। सेल्टिक और रोमन काल में ही कोहेम बस गया था । 866 में विला कुचेमा (Villa cuchema) के रूप में इसका उल्लेख मिलता है । इतिहास में इस शहर के अन्य कई नामों का उल्लेख मिलता है I इसके लिए कुहकेमे, चकेमे, कोचेमे, कुचेमे  (Cuhckeme , Chuckeme, Cocheme, Cuchme)  इत्यादि नामों का उल्लेख किया गया है I 18वीं शताब्दी में इसे वर्तमान नाम ‘कोहेम’ प्राप्त हुआ । 1332 में कोहेम को शहर के अधिकार दिए गए और उसके तुरंत बाद शहर की किलेबंदी की गई । 1423 और 1425 के बीच इस शहर में प्लेग महामारी का प्रकोप हुआ था । 1794 से कोहेम फ्रांसीसी शासन के अधीन था। अनेक वर्षों तक कोहेम फ्रांसीसी शासन के अधीन रहा I द्वितीय विश्वयुद्ध में कोहेम शहर का एक बड़ा भाग नष्ट कर दिया गया I इसके बाद इसका पुनर्निर्माण किया गया I इस शहर को अनेक युद्धों का सामना करना पड़ा, लेकिन इस शहर ने हार नहीं मानी I कोहेम की ऊपरी घाटी में अंगूर की खेती होती है I यहाँ अंगूर का पर्याप्त उत्पादन होता है जिसमें से 60% अंगूर का उपयोग शराब बनाने के लिए किया जाता है I कोहेम मोजेल (Moselle) नदी के तट पर स्थित है I मोसेल (Moselle) यूरोप के सबसे व्यस्त अंतर्देशीय जलमार्गों में से एक है I इस कस्बानुमा शहर की जनसंख्या लगभग 6000 है I यहाँ बहुत शांति है I यहाँ किसी को कोई हड़बड़ी नहीं है, कोई व्यस्तता और शहरों जैसा रेलमपेल नहीं है I रेस्टोरेंट या बार में बैठकर लोग धीरे-धीरे शराब का आनंद ले रहे थे I लकड़ी के बने मकान, अंगूर के बाग़, आकर्षक रेस्तरां, सराय और कोहेम किला इस शहर के मुख्य आकर्षण हैं I पर्यटकों को कोहेम की शराब संस्कृति के प्रति आकर्षित करने के लिए प्रत्येक वर्ष मई के अंत अथवा जून के आरंभ में कोहेम-वेन-वोक उत्सव का आयोजन किया जाता है I हमलोगों ने नाव में बैठकर एक घंटे तक मोजेल नदी के साफ़-सुथरे जल का अवलोकन करते हुए कोहेम शहर का दीदार किया I नौकायन के बाद हमलोगों ने शहर की गलियों में भ्रमण किया I लगभग सात बजे हमलोगों ने डेन बॉस के लिए प्रस्थान किया और ग्यारह बजे घर पहुँच गए I

कोलोन (Coln, Cologne)13 मई 2023 को हमलोगों का दूसरा जर्मनी दौरा था I हमलोग जर्मनी के प्रमुख नगर कोलोन (Coln, Cologne) का भ्रमण करने गए I डेन बॉस (नीदरलैंड) से कोलोन (जर्मनी) की दूरी 180 किलोमीटर है I हमलोग दिन में दस बजे घर से निकले और लगभग बारह बजे कोलोन पहुँच गए I कार से यूरोप का भ्रमण करना आसान होता है, समय भी कम लगता है और थकान भी नहीं होती है I कार को पार्क कर हमलोगों ने सर्वप्रथम राइन नदी (Rhine river) के तट पर पहुंचकर उसका सिंहावलोकन किया I राइन नदी पश्चिमी यूरोप की प्रमुख नदी है जिसका सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है I यह इस महाद्वीप की महान नदियों में से एक है I राइन की लंबाई लगभग 1,320 किलोमीटर है । इसका अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग के रूप में उपयोग किया जाता है I राइन नदी यूरोप के प्रमुख परिवहन मार्गों में से एक है। दुनिया की किसी भी नदी के किनारे इतने पुराने और प्रसिद्ध शहर नहीं बसे हैं I इस नदी के बारे में यूरोप में अनेक किंवदंतियाँ और मिथक प्रचलित हैं I अनेक महाकाव्यों में इस महान नदी का वर्णन मिलता है I द्वितीय विश्वयुद्ध में राइन नदी के किनारे स्थित कोलोन नगर बर्बाद हो चुका था, लेकिन अपनी जिजीविषा के बल पर यह पुनः उठकर खड़ा हुआ एवं विकास व समृद्धि का महाकाव्य रच दिया I कोलोन शहर किसी जीवंत पाठ्यपुस्तक की तरह लगता है I यहाँ गति है, प्रगति है, लेकिन ठहराव और उदासी नहीं है I यहाँ मध्ययुगीन चर्च, द्वितीय विश्वयुद्ध के उपरांत निर्मित इमारतें और वास्तुशिल्प के अद्भुत नमूने देखने को मिलते हैं I कोलोन जर्मनी का चौथा बड़ा शहर है जिसकी स्थापना रोमन ने ईसा पूर्व 38 में की थी I यह मध्यकाल में जर्मनी का प्रमुख व्यापारिक केंद्र था I कोलोन अपने 12 महान चर्चों और विशेष रूप से कोलोन कैथेड्रल के लिए प्रसिद्ध है। कोलोन की जड़ें प्रथम शताब्दी में देखी जा सकती हैं जब इसे रोमन प्रांतीय राजधानी और सैन्य शक्ति केंद्र के रूप में स्थापित किया गया था। पर्यटकों के लिए इस शहर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसने अपने लंबे इतिहास को संरक्षित करके रखा है । इस शहर के पर्यटन स्थलों में रोमन अवशेष, मध्ययुगीन चर्च, बारोक महल और संग्रहालय हैं जो कला और साहित्य के प्रति जर्मन लोगों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं I कोलोन के विभिन्न उत्पादों जैसे, सुगंध, सरसों और चॉकलेट भी बहुत प्रसिद्ध हैं।

कोलोन कैथेड्रल-राइन नदी के तट पर स्थित प्रसिद्ध कोलोन कैथेड्रल को देखे बिना कोलोन का भ्रमण अधूरा रहता है I अतः हमलोगों ने कैथेड्रल को देखने का निश्चय किया I ऊँचाई की दृष्टि से यह यूरोप का दूसरा तथा विश्व का तीसरा सबसे बड़ा कैथेड्रल है I यह यूरोप की स्थापत्य कला का अनूठा नमूना है I इसे विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया है I इतना भव्य, इतना विशाल और स्थापत्य कला की दृष्टि से अनुपम इस कैथेड्रल का निर्माण करने में कई सौ साल लगे I इसका निर्माण 1248 में आरंभ हुआ और कई सौ वर्षों तक इसका निर्माण कार्य चलता रहा I पूरे विश्व से प्रतिदिन लगभग बीस हजार लोग इसका भ्रमण करने के लिए आते हैं I द्वितीय विश्वयुद्ध में इस पर 14 बम गिराए गए थे जिससे यह बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, फिर भी यह खड़ा रहा। युद्ध से हुए नुकसान की मरम्मत 1956 में पूरी की गई । कोलोन शहर में घूमने के लिए सबसे दिलचस्प जगहों की सूची में पहला स्थान कोलोन कैथेड्रल का है । यह चर्च यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल है I यह चर्च गॉथिक संरचना के लिए प्रसिद्ध है I इस चर्च के 157 मीटर ऊंचे दो टावर हैं I इसकी आंतरिक साजसज्जा अद्भुत है । इस कैथेड्रल में तीन राजाओं के अवशेष हैं। इस कैथेड्रल को आधिकारिक तौर पर कैथेड्रल ऑफ सेंट पीटर और सेंट मैरी कहा जाता है I यह आश्चर्यजनक इमारत उच्च गोथिक वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति है I यह यूरोप के सबसे बड़े गिरिजाघरों में से एक है I इसे मध्य युग की सबसे महत्वाकांक्षी निर्माण परियोजना माना जाता है। इसका विस्तार 6,166 वर्ग मीटर में है और इसकी छत 56 स्तंभों पर टिकी हुई है । इनमें स्थानीय सुनारों द्वारा बनाई गई 12वीं शताब्दी के तीन राजाओं के अवशेष हैं I दो घंटे इसे देखने में बीत गए I हल्की वर्षा भी होने लगी, लेकिन अधिक ठंढ नहीं थी I एक स्वेटर पहनकर घूमा जा सकता था I

कोलोन चॉकलेट संग्रहालय-यह कोलोन में घूमने के लिए अनोखी जगहों में से एक है I बच्चों के लिए यह विशेष रूप से रोचक संग्रहालय है I इस संग्रहालय के पीछे की कहानी दिलचस्प है I हंस इम्हॉफ ने एक चॉकलेट फैक्ट्री खरीदी जिसमें उन्हें कुछ टूटी हुई मशीनें मिलीं जो चॉकलेट बना सकती थीं। उन्होंने उनका नवीनीकरण किया और इस संग्रहालय को जन्म दिया। संग्रहालय में प्राचीन चॉकलेट रैपर, सांचे और बहुत कुछ देखा जा सकता है I

कोलोन सिटी हॉल-कोलोन का सिटी हॉल गॉथिक संरचना का सबसे अच्छा उदाहरण है जिस पर यह शहर गर्व करता है । यह कोलोन में घूमने के लिए शीर्ष स्थानों में से एक है I यह सिटी हॉल 1407 के आसपास बनाया गया था I उस समय यह शहर की सबसे बड़ी इमारत थी। इसमें लगभग एक सौ मूर्तियां हैं। यह इमारत दूसरे विश्व युद्ध के दौरान क्षतिग्रस्त हो गई थी, लेकिन इसका पुनर्निर्माण किया गया I यह सिटी हॉल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है।

होहेनज़ोलर्न ब्रिज अथवा कोलोन लव लॉक ब्रिज (The Hohenzollern Bridge or Love Lock Bridge)-इस पुल से राइन नदी और कोलोन शहर के अद्वितीय दृश्यों को देखा जा सकता है I राइन नदी पर बने सभी पुलों में से यह सबसे प्रसिद्ध है। पैदल यात्री पथ कोलोन के सुंदर दृश्य का अवलोकन करने का अवसर देता है I यह पुल कैथेड्रल के पास में स्थित है। हमलोग पैदल ही घूमते हुए एक पुल से दूसरे पुल पर गए I दूसरे पुल का नाम होहेनज़ोलर्न ब्रिज अथवा कोलोन लवलॉक ब्रिज है I इस पुल में लाखों ताले लगे हुए हैं I ये  ताले प्रेम के प्रतीक हैं । अपने प्रेम को अमर बनाने के लिए लाखों प्रेमी-प्रेमिकाओं ने ताले लगाकर चाबी को राइन नदी में फेंक दिया है। होहेनज़ोलर्न ब्रिज (The Hohenzollern Bridge) प्रेम की अमरता का संदेश देता है I राइन नदी को पार करनेवाला यह पुल दिव्य प्रेम का संदेश देता है। कोलोन लव लॉक ब्रिज में ताले लगाने का रिवाज वर्ष 2008 में शुरू हुआ। तब से तालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। 2011 में 40,000 तालों की गिनती की गई थी, लेकिन अब यह संख्या लाखों में हो चुकी होगी । नए यातायात मार्ग बनाने के लिए इस ब्रिज का निर्माण वर्ष 1907 में शुरू हुआ था। इसके निर्माण में चार वर्ष लगे I चार साल बाद इसका उद्घाटन जर्मन सम्राट विल्हेम II ने किया था। द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने से कुछ समय पहले यह ब्रिज नष्ट हो गया था। 1948 से 1959 तक इसका पुनर्निर्माण किया गया I मूल रूप से यह पुल रेलवे और सड़क दोनों पुल था। 1945 ई. में इसके विनाश और उसके बाद के पुनर्निर्माण के बाद यह केवल रेल और पैदल यात्री यातायात के लिए ही सुलभ था। यह जर्मनी में सबसे अधिक उपयोग किया जानेवाला रेलवे पुल है जिस पर प्रतिदिन 1,200 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं । पुराने पुल के विध्वंस के बाद 1907 और 1911 के बीच इस पुल का निर्माण किया गया था। कैथेड्रल ब्रिज कोलोन में बढ़ते यातायात को संभालने में असमर्थ था। होहेनज़ोलर्न ब्रिज द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के दौरान जर्मनी के सबसे महत्वपूर्ण पुलों में से एक था I लगातार हवाई हमलों से भी इस पुल को कोई खास नुकसान नहीं हुआ। 6 मार्च 1945 को जब मित्र देशों की सेना ने कोलोन पर हमला शुरू किया तो जर्मन सैन्य इंजीनियरों ने पुल को उड़ा दिया। 8 मई 1945 को जर्मनी के आत्मसमर्पण के बाद पुल को शुरू में अस्थायी आधार पर चालू किया गया था, लेकिन जल्द ही पुनर्निर्माण शुरू हो गया। 8 मई 1948 तक पैदल यात्री फिर से होहेनज़ोलर्न ब्रिज का उपयोग कर सकते थे। 1959 में पुल का पुनर्निर्माण पूरा हुआ। 1980 के दशक में पुल पर दो नए ट्रैक बनाए गए I होहेनज़ोलर्न ब्रिज की कुल लंबाई 409.19 मीटर (1,342.5 फीट) है। प्रेमी-प्रेमिका के इस अमर सेतु पर पैदल घूमने के बाद हमलोग थक गए थे I अतः हमलोगों ने घर लौटने का फैसला किया I जर्मनी के इत्र और क्रीम उत्तम माने जाते हैं I इसलिए रास्ते में कुछ इत्र और क्रीम की खरीदारी की गई I हमलोग शाम 8.00 बजे घर पहुँच गए I नीदरलैंड में इन दिनों शाम नौ बजे तक उजाला ही रहता है I

*वीरेन्द्र परमार

जन्म स्थान:- ग्राम+पोस्ट-जयमल डुमरी, जिला:- मुजफ्फरपुर(बिहार) -843107, जन्मतिथि:-10 मार्च 1962, शिक्षा:- एम.ए. (हिंदी),बी.एड.,नेट(यूजीसी),पीएच.डी., पूर्वोत्तर भारत के सामाजिक,सांस्कृतिक, भाषिक,साहित्यिक पक्षों,राजभाषा,राष्ट्रभाषा,लोकसाहित्य आदि विषयों पर गंभीर लेखन, प्रकाशित पुस्तकें :1.अरुणाचल का लोकजीवन 2.अरुणाचल के आदिवासी और उनका लोकसाहित्य 3.हिंदी सेवी संस्था कोश 4.राजभाषा विमर्श 5.कथाकार आचार्य शिवपूजन सहाय 6.हिंदी : राजभाषा, जनभाषा,विश्वभाषा 7.पूर्वोत्तर भारत : अतुल्य भारत 8.असम : लोकजीवन और संस्कृति 9.मेघालय : लोकजीवन और संस्कृति 10.त्रिपुरा : लोकजीवन और संस्कृति 11.नागालैंड : लोकजीवन और संस्कृति 12.पूर्वोत्तर भारत की नागा और कुकी–चीन जनजातियाँ 13.उत्तर–पूर्वी भारत के आदिवासी 14.पूर्वोत्तर भारत के पर्व–त्योहार 15.पूर्वोत्तर भारत के सांस्कृतिक आयाम 16.यतो अधर्मः ततो जयः (व्यंग्य संग्रह) 17.मणिपुर : भारत का मणिमुकुट 18.उत्तर-पूर्वी भारत का लोक साहित्य 19.अरुणाचल प्रदेश : लोकजीवन और संस्कृति 20.असम : आदिवासी और लोक साहित्य 21.मिजोरम : आदिवासी और लोक साहित्य 22.पूर्वोत्तर भारत : धर्म और संस्कृति 23.पूर्वोत्तर भारत कोश (तीन खंड) 24.आदिवासी संस्कृति 25.समय होत बलवान (डायरी) 26.समय समर्थ गुरु (डायरी) 27.सिक्किम : लोकजीवन और संस्कृति 28.फूलों का देश नीदरलैंड (यात्रा संस्मरण) I मोबाइल-9868200085, ईमेल:- [email protected]

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