यादगार लम्हे
यही वजह है कि सब लोग,
इंतजार करते हुए,
बस उम्मीद रखते हैं।
एक दीए जलाकर खुशियां बांटने में,
सबसे पहले खड़ा होकर,
नवीन चेतना को जागृत करने में,
सबसे पहले रहते हैं।
गुमान की कोशिश ही,
नाज़ुक सी गुदगुदी देती है।
मौका मिला तो फिर,
गहरे जख्म से ही दगा करती है।
यादगार लम्हे हमें बेहतर जिंदगी की,
एक खूबसूरत सलीका बताती है
अगर नज़रों से देखा जाए तो,
उम्मीद की किरण से रूबरू कराने में,
उम्मीद की किरण बन जाती है।
मेहनत का असर सही है,
बुलंदियों पर पहुचाती है।
बस ख्याल रखना चाहिए यहां कि गुमा न हो यहां,
परिणाम बहुत बुरा दे जाती है।
चरित्र महकते हैं,
सुबह-सुबह उठ रही ऊंचाईयों को,
शाम के वक्त में, दुनिया में गोते लगाने वाले लोगों को,
सपने संजोने से,
रोक नहीं पाते हैं।
यादगार लम्हे हमें बेहतर जिंदगी में,
खोई हुई खुशियां देती है।
समन्दर पार करते हुए,
ढांढस बंधाते हुए आगे बढ़ने में,
त्वरित गति देने से,
परहेज़ नहीं करती है।
— डॉ. अशोक, पटना