कविता

यादगार लम्हे

यही वजह है कि सब लोग,
इंतजार करते हुए,
बस उम्मीद रखते हैं।
एक दीए जलाकर खुशियां बांटने में,
सबसे पहले खड़ा होकर,
नवीन चेतना को जागृत करने में,
सबसे पहले रहते हैं।

गुमान की कोशिश ही,
नाज़ुक सी गुदगुदी देती है।
मौका मिला तो फिर,
गहरे जख्म से ही दगा करती है।

यादगार लम्हे हमें बेहतर जिंदगी की,
एक खूबसूरत सलीका बताती है
अगर नज़रों से देखा जाए तो,
उम्मीद की किरण से रूबरू कराने में,
उम्मीद की किरण बन जाती है।

मेहनत का असर सही है,
बुलंदियों पर पहुचाती है।
बस ख्याल रखना चाहिए यहां कि गुमा न हो यहां,
परिणाम बहुत बुरा दे जाती है।

चरित्र महकते हैं,
सुबह-सुबह उठ रही ऊंचाईयों को,
शाम के वक्त में, दुनिया में गोते लगाने वाले लोगों को,
सपने संजोने से,
रोक नहीं पाते हैं।
यादगार लम्हे हमें बेहतर जिंदगी में,
खोई हुई खुशियां देती है।
समन्दर पार करते हुए,
ढांढस बंधाते हुए आगे बढ़ने में,
त्वरित गति देने से,
परहेज़ नहीं करती है।

— डॉ. अशोक, पटना

डॉ. अशोक कुमार शर्मा

पिता: स्व ० यू ०आर० शर्मा माता: स्व ० सहोदर देवी जन्म तिथि: ०७.०५.१९६० जन्मस्थान: जमशेदपुर शिक्षा: पीएचडी सम्प्रति: सेवानिवृत्त पदाधिकारी प्रकाशित कृतियां: क्षितिज - लघुकथा संग्रह, गुलदस्ता - लघुकथा संग्रह, गुलमोहर - लघुकथा संग्रह, शेफालिका - लघुकथा संग्रह, रजनीगंधा - लघुकथा संग्रह कालमेघ - लघुकथा संग्रह कुमुदिनी - लघुकथा संग्रह [ अन्तिम चरण में ] पक्षियों की एकता की शक्ति - बाल कहानी, चिंटू लोमड़ी की चालाकी - बाल कहानी, रियान कौआ की झूठी चाल - बाल कहानी, खरगोश की बुद्धिमत्ता ने शेर को सीख दी , बाल लघुकथाएं, सम्मान और पुरस्कार: काव्य गौरव सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, कविवर गोपाल सिंह नेपाली काव्य शिरोमणि अवार्ड, पत्राचार सम्पूर्ण: ४०१, ओम् निलय एपार्टमेंट, खेतान लेन, वेस्ट बोरिंग केनाल रोड, पटना -८००००१, बिहार। दूरभाष: ०६१२-२५५७३४७ ९००६२३८७७७ ईमेल - [email protected]

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