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        विष्णु सक्सेना को मिला प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पंकस अकादमी अवार्ड

 पंजाब कला व साहित्य अकादमी जालंधर के 28 वें वार्षिक पुरुस्कार वितरण समारोह में रविवार 1 दिसम्बर 2024 को पंजाब प्रेस क्लब जालंधर में देश विदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विशेष उपलब्धियों व श्रेय अर्जित करने पर राष्ट्रीय पंकस अकादमी अवार्ड , राष्ट्रीय शौर्य सम्मान , व राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान आदि सम्मान प्रदान किए गए | गाज़ियाबाद उ प्र से वरिष्ठ कवि व साहित्यकार विष्णु सक्सेना को उनकी साहित्य क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय पंकस अकादमी अवार्ड से समानित किया गया | उन्हें यह सम्मान जालंधर पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा व पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय भटिंडा के उप कुलपति डा राघवेन्द्र प्रशाद तिवारी ने स्मृति चिन्ह ,शाल ,सम्मान पत्र व मोतियों की माला पहना कर किया | सक्सेना जी को 1972 में उनकी काव्य कृति ‘ बैंजनी हवाओं में ‘ के लिए भाषा विभाग हरयाणा द्वारा राज्य क्ष्रेष्ठ कृति पुरुस्कार , 2014 में उनके खंड काव्य ‘ अक्षर हो तुम ‘ के लिए हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा राज्य क्ष्रेष्ठ कृति पुरुस्कार , 2021 में उनके खंड काव्य ‘ सुनो राधिके सुनो ‘ के लिए उ प्र हिंदी संसथान लखनऊ द्वरा जय शंकर प्रसाद सम्मान , 2022 में जयपुर साहित्य संगीति द्वारा क्ष्रेष्ठ काव्य कृति पुरुस्कार व 2024 में कादम्बरी जबलपुर द्वारा कादम्बरी विविधा सम्मान तथा उनके लघु कथा संग्रह ‘ अंधेरों से आगे ‘ को भी कादम्बरी जबलपुर विविधा सम्मान 2024 से सम्मानित किया जा चुका है | सक्सेना जी को 2000 में मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय हिंदी सहस्त्राब्दी सम्मान से भी नवाजा जा चुका है | उनके साहित्य पर कुराक्षेत्र विश्वविद्यालय से तीन शोधार्थी एम् फिल कर चुके हैं | इस अवसर पर अकादमी के अध्यक्ष सिमर सदोष व निदेशक डा जगदीप सिंह ने अकादमी की गतिविधियों पर प्रकाश डाला |

विष्णु सक्सेना

पिता - स्व ;महाशय विशम्बर दयाल माता -स्व ;श्रीमती कौशिल्या देवी जन्म -26 जनवरी 1941 ,दिल्ली शिक्षा -,डी एम् ई आनर्स रूडकी विश्वविद्यालय 1964 सम्प्रति -सेवा निवृत डिप्टी चीफ इंजिनियर एच एम् टी पिंजोर ; अब स्वतंत्र लेखन ; राज्य श्रेष्ठ कृति -बैंजनी हवाओं में [काव्य संग्रह ] भाषा विभाग हरियाणा द्वारा [1972] ;अक्षर हो पुरुस्कार तुम [खंड काव्य ] हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा 2014 ; पुरुस्कृत कहानियाँ -वापसी [1996] ,चमक आत्म सम्मान की [1997] ,मुक्ति एक बोन्जाई की [1999] तीनो कहानियां हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा पुरुस्कृत लघु शोध प्रबंध -विष्णु सक्सेना –व्यक्तित्व व कृतित्व [1998] कुसुम लता द्वारा :कहानीकार विष्णु सक्सेना [2004] अनीता नयन द्वारा : अक्षर हो तुम में मानव मूल्य [2017] कृषण चंदर द्वारा ; सभी कुरुषेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा से एम् फिल के लिए स्वीकृत सम्मान -राष्ट्रीय हिंदी सहस्त्राब्दी सम्मान [2000] मानव संसाधन मंत्रालय नई दिल्ली : व अन्य सम्पादन -कलादीप [लघु पत्रिका ]1973 से 1975 तक :चित्रांश उदगार [एकता अंक ]सितम्बर 1997 मौलिक कृतियाँ -काव्य संग्रह –बैंजनी हवाओं में 1976, गुलाब कारखानों में बनते हैं 1995,धूप में बैठी लड़की 2010 .सिरहन सांसों की 2013 :खंड काव्य –अक्षर हो तुम 2013 ,सुनो राधिके सुनो 2021 : कहानी संग्रह _बड़े भाई 1995 ,वापसी 2003 : लघु कथा संग्रह _एक कतरा सच 2018 सम्पर्क -एस जे 41 , शास्त्री नगर ,गाज़ियाबाद 201002 उ प्र : मो - 9896888017 ई मेल [email protected]

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