मनहरण छंद
साजन हमराह हो,
सावन की फुहार हो,
जीवन में प्रेम रस,
बूंद-बूंद भरिए।।
मीत प्रियतम साथ,
ऊँचा-नीचा भले पथ,
कंटक बनेंगे फूल,
हाथ आप थामिए।।
परिवार एक छत्र,
सेवा भाव, स्नेह सूत्र,
अपनों में प्रेम बंध,
मीठे बोल बोलिए।।
सुख-दुःख आते-जाते,
चले हम मुस्कुराते,
प्रेम पुष्प सुरभित,
स्नेह छाँव दीजिए।।