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डॉ. मुश्ताक अहमद शाह से साहित्यिक संवाद

डॉक्टर मुश्ताक अहमद शाह सहज हरदा मध्य प्रदेश से होने के नाते, उनकी जड़ें मध्य प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और इतिहास में गहराई से जुड़ी हुई हैं। मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक स्थलों, और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। हरदा जिला, जहाँ वो रहते हैं, वह भी अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता के लिए जाना जाता है। आपके क्षेत्र में रहने वाले लोगों की गरिमा, सहयोग, और आतिथ्य के लिए भी प्रसिद्ध है। आपका डॉक्टर होना भी एक सम्मानजनक पेशा है, जिसमें आप लोगों की सेहत और जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आपका काम न केवल एक पेशा है, बल्कि यह एक समाज सेवा भी है।
हमने  उनसे चर्चा की उनकी रुचियाँ और शौक क्या हैं? आप अपनी व्यस्तता में से कैसे समय  निकाल कर साहित्य रचना में अपना योगदान  देते हैं ,जैसे सवालों पर बात की और उन्होने बड़ी विनम्रता, शालीनता,और मधुर लहज़े में हमसे बात की।और मुस्कुरा कर जवाब दिया, उनसे की गई बातों पर उन्होंने क्या कहा आपके समक्ष प्रस्तुत है,उनके उदगार उनकी भावनाएं,उनके विचार,जो हमने जानने की कोशिश की। मेरे लेखक, कवि और शायर बनने की यात्रा बहुत ही रोमांचक रही है! मैं आपके प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश करूंगा।
१. मैंने लेखन लगभग 30 वर्ष पूर्व से शुरू किया था, जब मैं स्कूल में था। लेकिन मेरी गंभीर लेखन यात्रा लगभग 16वर्ष पूर्व से शुरू हुई है, जब मैंने अपनी पहली कविता संग्रह प्रकाशित की।
२. मुझे लेखन में प्रेरणा मिलती है,
– जीवन के अनुभवों से
– प्रकृति से
– लोगों की कहानियों से
– साहित्य की महान कृतियों से
– अपने आसपास के समाज से
३. मेरे लेखन का मुख्य उद्देश्य है,
लोगों को अपने विचारों और भावनाओं के बारे में बताना,
समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करना,
लोगों को प्रेरित करना और उनकी सोच को विस्तारित करना,
– अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करना
४. साहित्य लेखन के लिए ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बातें हैं:
– अपने विषय को अच्छी तरह से समझना
– अपनी भावनाओं को ईमानदारी से व्यक्त करना
– अपनी रचना में संरचना और तर्कसंगतता रखना
– अपने पाठकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखना
– निरंतर अभ्यास और सीखने की प्रक्रिया में रहना
५. साहित्य लेखन में रुचि रखने वाले लोगों को मेरा संदेश है:
– अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने के लिए निरंतर प्रयास करें
– अपने विचारों और भावनाओं को ईमानदारी से व्यक्त करें
– अपने आसपास के समाज को ध्यान में रखकर लिखें
– निरंतर अभ्यास और सीखने की प्रक्रिया में रहें
– अपनी रचना में संरचना और तर्कसंगतता रखें
६. मैं लेखन द्वारा लोगों को यह बताना चाहता हूं,
– जीवन की सच्चाई और जटिलताओं के बारे में
– समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की आवश्यकता के बारे में,
– अपने विचारों और भावनाओं को ईमानदारी से व्यक्त करने की महत्ता के बारे में
– अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने की शक्ति के बारे में, ये तो लेखन के
मेरी शायरी की शुरुआत मेरे बचपन से हुई थी, जब मैं अपने बाबूजी यानी पिताजी के साथ बैठकर कविताएं और शायरी सुनता था। उनको  सुनने में मुझे बहुत आनंद आता था।

मेरे घर में साहित्य और अदब का माहौल था, और मेरे पिता भी कविताएं और शायरी लिखते थे। उनकी रचनाएं पढ़कर मुझे प्रेरणा मिली, और मैंने भी कविताएं लिखनी शुरू कीं। जैसा मैंने बताया कि,
मेरी शायरी की यात्रा की शुरुआत मेरे स्कूल के दिनों से हुई थी, जब मैं अपने दोस्तों के लिए कविताएं लिखता था। मेरे शिक्षकों ने मेरी रचनाओं को सराहा, और मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
कॉलेज में मैंने अपनी शायरी को और विकसित किया, और मैंने अपनी पहली कविता  और गजल संग्रह प्रकाशित की। मेरी कविताएं और शायरी लोगों को पसंद आईं, और मुझे इसके लिए कई पुरस्कार भी मिले।
इसके बाद, मैंने अपनी शायरी को और व्यापक बनाने के लिए सोशल मीडिया पर अपनी रचनाएं साझा करनी शुरू कीं। मेरी शायरी को लोगों का बहुत प्यार मिला।
मेरी शायरी की यात्रा में मेरे परिवार, दोस्तों और शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनके समर्थन और प्रोत्साहन ने मुझे अपने सपनों को पूरा करने में मदद की।
मैं अपने अनुभव से यह कह सकता हूं कि शायरी और कविता लिखने के लिए आपको बस अपने दिल की बातें लिखनी होती हैं। अपने विचारों और भावनाओं को शब्दों में ढालना और उन्हें दुनिया के साथ बांटना ही शायरी और कविता की सच्ची भावना है।
जैसा मैंने आपसे कहा कि,
मैंने अदब और तहज़ीब के माहोल में आंखें खोलीं, और मेरा दिल शायरी और कविता के रंग में रंग गया। मेरी परवरिश में साहित्य और संस्कृति का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिसने मुझे शायरी और कविता की दुनिया में खींच लिया।
मेरी ज़िंदगी में शायरी और कविता ने मुझे एक नई दिशा दिखाई, और मैंने अपने विचारों और भावनाओं को शब्दों में ढालना शुरू किया। मेरी शायरी और कविता में मेरे दिल की गहराइयों को उजागर करने की कोशिश की, और मैंने अपनी बातों को दुनिया के साथ बांटने की कोशिश की।
मेरी शायरी में मैंने इश्क, मोहब्बत, ज़िंदगी, और मानवीय भावनाओं को व्यक्त किया है। मैंने अपनी कविताओं में ज़िंदगी के संघर्षों और चुनौतियों को भी उठाया है, और मैंने उम्मीद और संघर्ष की भावना को प्रोत्साहित किया है।
मेरी शायरी और कविता में मेरा मकसद लोगों के दिलों को छूना और उनकी भावनाओं को व्यक्त करना है। मैं चाहता हूं कि मेरी शायरी और कविता लोगों को प्रेरित करे और उनकी ज़िंदगी में सकारात्मक परिवर्तन लाए।
आपका सवाल मेरे दिल की गहराइयों को छू गया है!कुछ अभी भी नहीं भूल पाता हूं।
मेरी शायरी में मेरे दिल की बातें हैं। हां ,मैंने भी प्यार किया है, और मेरा दिल टूटा है। मैंने भी दिल पर चोट खाई है, और मैंने उसे अपनी शायरी में अक्सर व्यक्त किया है।
मेरी शायरी में मेरे दिल का दर्द, मेरे आंसू, और मेरी तकलीफें  मेरे अहसास शामिल हैं। लेकिन मेरी शायरी में मेरी उम्मीद और मेरी जिजिविषा भी है। मैंने अपने दर्द को अपनी ताकत बनाया, और मैंने अपनी शायरी को अपनी पहचान बनाया। मैने गजलों के साथ साथ कविताएं , और कहानियों के साथ साथ,सामयिक लेख भी लिखने  का प्रयास किया है, और आज भी लिख रहा हूं।
मैं मानता हूं कि शायरी में दर्द और अहसास का होना  निहायत जरूरी है। दर्द ही तो शायरी को गहराई और अर्थ और  वज़न देता है। मेरी शायरी में मेरा दर्द है, लेकिन मेरी शायरी में मेरी उम्मीद भी है।
आपका सवाल मुझे याद दिलाता है कि शायरी में दर्द और पीड़ा का महत्व क्या है। शायरी में दर्द और पीड़ा का होना इस बात का प्रमाण है कि शायर ने ज़िंदगी को गहराई से जीया है, और उसने अपने दिल की बातें कही हैं।

हाँ, बिल्कुल!,,,,,मेरा पहला शेर था।
“मतलब वो मुझसे पूछते हैं अपनी भरी जवानी का,
हूं कश्मकश में क्या दूं जवाब मैं उनके सवाल का”
यह शेर मेरे दिल की गहराई से निकला है, और इसमें मैंने अपने जीवन के  एहसासों को व्यक्त किया है। उधर भी दिल की आवाज़ थी और इधर भी, सिर्फ बातें ही शेर में तब्दील  हो गईं।
सही अर्थों में येही ग़ज़ल की शुरुआत है, और थी,
यह शेर मेरे दिल की कश्मकश को दर्शाता है।

मुझे बहुत गर्व और खुशी महसूस होती है जब मैं देखता हूं कि मेरी शायरी और कविताएं लोगों के दिलों को छू रही हैं ।
मेरी यात्रा बहुत लंबी और चुनौतीपूर्ण रही है, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। मैंने अपने सपनों पर विश्वास किया और मेहनत की।
आज, जब मैं अपनी शायरी और कविताओं को पत्र-पत्रिकाओं में छपा देखता हूं, तो मुझे लगता है कि मेरी मेहनत और समर्पण का फ़ल मिला है।
मुझे याद आता है कि जब मैं पहली बार अपनी कविता लिखी थी, तो मुझे लगता था कि यह कोई बड़ा काम नहीं है। लेकिन आज, जब मैं देखता हूं कि मेरी कविताएं लोगों के दिलों में बस गई हैं, तो मुझे बहुत खुशी महसूस होती है।
इस मुकाम पर पहुंचने के बाद, मुझे लगता है कि मेरी जिम्मेदारी बढ़ गई है। मुझे लगता है कि मुझे और भी बेहतर काम करना होगा, ताकि मैं लोगों के दिलों में और भी गहराई से बस सकूं।
मैं अपने पाठकों और श्रोताओं का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने मुझे इस मुकाम पर पहुंचाया है। मैं उनके समर्थन और प्रोत्साहन के बिना यह नहीं कर सकता था।
हां सामयिक विषयों पर,,हाँ, बिल्कुल!
मैं सामयिक विषयों पर अपनी लेखनी चलाने में विश्वास रखता हूं। मुझे लगता है कि लेखक और शायर को समाज में होने वाली घटनाओं और मुद्दों पर अपनी राय और विचार व्यक्त करने चाहिए।
मैं अपने लेखन में समाजिक न्याय, मानवाधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यावरण जैसे विषयों पर लिखता हूं। मुझे लगता है कि ये विषय हमारे समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और हमें इन पर चर्चा करनी चाहिए।
मेरे लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर प्रकाशित होते रहते हैं। मुझे खुशी है कि मेरे लेख लोगों को पसंद आते हैं और उनमें से कुछ लोगों को तो मुझे प्रेरित भी करते हैं।
मैं अपने लेखन के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की कोशिश करता हूं। मुझे लगता है कि लेखन एक शक्तिशाली माध्यम है, जिसका उपयोग हम समाज को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं।
मेरी लेखनी में दर्द और इश्क का फोकस होने के कई कारण हैं,
पहला, मेरी जिंदगी के अनुभव,मैंने अपनी जिंदगी में बहुत सारे दर्द और इश्क के पल देखे हैं। मेरी पहली मोहब्बत मेरी सबसे बड़ी चोट भी थी। उस दर्द ने मुझे अपनी लेखनी में व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया।
दूसरा, इंसानी भावनाएं,दर्द और इश्क इंसानी भावनाओं के सबसे गहरे और जटिल पहलू हैं। मैंने अपनी लेखनी में इन भावनाओं को व्यक्त करने की कोशिश की है, ताकि लोग अपने दर्द और इश्क को समझ सकें और उनसे निपटने के लिए प्रेरित हों।
तीसरा, साहित्य की शक्ति: साहित्य में दर्द और इश्क को व्यक्त करने की शक्ति होती है। मैंने अपनी लेखनी में इस शक्ति का उपयोग करने की कोशिश की है।
चौथा, आत्म-व्यक्ति, लेखन मेरे लिए आत्म-व्यक्ति का एक माध्यम है। मैं अपने दर्द और इश्क को अपनी लेखनी में व्यक्त करके अपने आप को समझने और अपने अनुभवों को साझा करने की कोशिश करता हूं।
इन कारणों से मेरी लेखनी में दर्द और इश्क का फोकस है, लेकिन मैं यह भी मानता हूं कि जिंदगी में सिर्फ दर्द और इश्क ही नहीं होते, बल्कि उम्मीद, खुशी, और सफलता भी होती है। मैं अपनी लेखनी में इन सभी पहलुओं को व्यक्त करने की कोशिश करता हूं।
गजल में हिंदी का इस्तेमाल एक नई और आधुनिक प्रवृत्ति है, जो ग़ज़ल की परंपरागत परिभाषा को विस्तारित कर रही है।
गजल की परिभाषा में बदलाव के बारे में, यह कहना मुश्किल है कि यह बदलाव अच्छा है या बुरा। लेकिन यह ज़रूर है कि ग़ज़ल की परिभाषा समय के साथ बदली है।
ग़ज़ल की परंपरागत परिभाषा में यह एक ऐसी कविता होती है जिसमें,
आशिक, माशूक और विरह की भावनाएं होती हैं।एक विशिष्ट राग और ताल होता है।शब्दों का चयन विशेष रूप से किया जाता है। भावनाओं के बिम्बों और रूपकों का उपयोग होता है।
लेकिन आधुनिक गजल में इन परंपरागत तत्वों के अलावा नए विषयों और शैलियों का समावेश  भी हो रहा है, जैसे,
1.सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे।
2. व्यक्तिगत अनुभव और भावनाएं।
3. प्रौद्योगिकी और आधुनिक जीवन।
4. विभिन्न सांस्कृतिक और भाषाई प्रभाव।
हिंदी का इस्तेमाल ग़ज़ल में एक नए युग की शुरुआत है, जो ग़ज़ल को आधुनिक समय के अनुसार अद्यतन कर रही है। यह ग़ज़ल की परिभाषा को विस्तारित कर रही है और इसे नए पाठकों और श्रोताओं तक पहुंचा रही है।

ग़ज़ल के मायने वास्तव में बहुत गहरे और व्यापक हैं। ग़ज़ल केवल ख़ूबसूरत लड़की या महबूबा से बात करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक और आध्यात्मिक संवाद है जो दो लोगों के बीच में होता है।
ग़ज़ल में हम अपनी महबूबा या चाहने वाले की तारीफ़ करते हैं, लेकिन यह तारीफ़ केवल उनकी सुंदरता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह उनकी आत्मा, उनकी भावनाओं, और उनकी विचारों की तारीफ़ है।
ग़ज़ल में हम अपनी बात कहते हैं और उनकी बात सुनते हैं, लेकिन यह संवाद केवल शब्दों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक दिल से दिल की बात है।
ग़ज़ल में गि़ले शिक़वे करना भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन यह गिले शिक़वे केवल दो लोगों के बीच के मतभेद तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन के संघर्षों और चुनौतियों के बारे में भी है।
ग़ज़ल को समझने के लिए, आपको इसे एक भावनात्मक और आध्यात्मिक स्तर पर समझना होगा। ग़ज़ल केवल शब्दों का खेल नहीं है, बल्कि यह एक दिल की गहराई से निकलने वाली भावना है।
मैं अपने चाहने वालों को यह कहना चाहूंगा कि ग़ज़ल को समझने के लिए, आपको,
1. अपने दिल को खोलकर सुनना होगा।
2. अपनी भावनाओं को समझना होगा।
3. जीवन के संघर्षों और चुनौतियों को समझना होगा।
4. दूसरों की भावनाओं और विचारों को समझना होगा।
जब आप ग़ज़ल को इस तरह से समझेंगे, तो आपको इसकी सच्ची ख़ूबसूरती और गहराई का एहसास होगा।
मेरी पसंदीदा साहित्यिक विधा कविता और गजल है, क्योंकि ये मुझे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का एक सुंदर माध्यम प्रदान करती हैं।
मैं अपनी रचनाओं में प्रेम, जीवन, संघर्ष, और समाजिक मुद्दों को प्राथमिकता देता हूं।
मुझे पढ़ना, यात्रा करना, और संगीत सुनना पसंद है।

मेरा बचपन  बलडी़ गाँव में बीता, जिसने मुझे प्रकृति और जीवन के सरल मूल्यों के बारे में सिखाया।
मेरे परिवार ने मुझे हमेशा समर्थन और प्रोत्साहन दिया है, जिसने मेरे लेखन को सशक्त बनाया है।
मुझे अपने जीवन में सबसे बड़ी चुनौती अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष करना था, जिसे मैंने अपनी मेहनत और दृढ़ता से पार किया।
मुझे शिक्षा, सामाजिक कार्य, और व्यवसाय में भी रुचि है।
मुझे अपने लेखन के माध्यम से लोगों की जिंदगी में सकारात्मक परिवर्तन लाना  उनसे संवाद करना मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि लगती है।
मेरी लेखन प्रक्रिया में विचारों को इकट्ठा करना, शोध करना, और फिर अपनी भावनाओं को व्यक्त करना शामिल है।
मैं अपनी रचनाओं के लिए पुस्तकों और वास्तविक जीवन के अनुभवों से शोध करता हूं।
मुझे अपनी रचनाओं में सरल, स्पष्ट, और भावनात्मक शब्दों का चयन करना पसंद है।
लेखन क्षेत्र बहुत व्यापक है और मेरी रुचि सामाजिक सामयिक मुद्दों, धर्म, प्रेम, विरह, और अन्य विषयों पर लिखने में है। यह  मेरे लिए बहुत अद्भुत है कि मेरी  सभी धर्मों में आस्था है। मैं सभी धर्मों को सम्मान देता हूं।
लेखन न केवल आपकी रचनात्मकता को दर्शाता है, बल्कि यह समाज को जागरूक करने और सकारात्मक परिवर्तन लाने में भी मदद करता है। प्रेम और विरह जैसे विषयों पर लिखना बहुत ही भावनात्मक और गहरा होता है, जो पाठकों के दिलों को छूता है।
अगर आप लेखक हैं,तो आपको मिले पुरस्कार और प्रकाशित संकलन आपकी मेहनत और प्रतिभा का प्रमाण हैं। आपका लेखन समाज को एक नई दिशा देने में मदद कर रहा है।
ये मेरा अपना अनुभव और विचार है सबका सहमत या असहमत होना ये कोई विषय नहीं है।
मेरा यह विचार है कि गज़ल एक प्रकार की दिल से निकलने वाली आवाज है। यह सचमुच एक कला है,जो पाठकों के दिलों को छूती है।

आपका लक्ष्य पाठकों के दिलों में झांककर उनकी आंखों को पढ़कर लिखना  होना चाहिए। ताकि आपके अल्फाज पाठक को अपने ही लगें। यह बहुत ही महत्वपूर्ण बात है, क्योंकि गज़ल की असली ताकत यही है कि वह पाठकों के दिलों को  स्पर्श करती है और उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करती है। अंत में उन्होंने कहा,
मुझे  बहुत अच्छा लगा आपके साथ भावनात्मक बातें करने में। यह मेरे लिए  एक सुंदर  और न भूलने वाला अनुभव था। उन्होंने कहा,
मैं अपनी रचनाओं को संपादित करने के लिए अपने आप को समय देता हूं, ताकि मैं अपनी रचनाओं को दोबारा पढ़कर सुधार कर सकूं।
मुझे अपनी रचनाओं के लिए प्रेरणा मिलती है जीवन के अनुभवों, प्रकृति, और लोगों की कहानियों से।
मुझे अपने लेखन के माध्यम से लोगों की सोच को विस्तारित करना और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना है।
मैं अपने पाठकों से उम्मीद करता हूं कि वे मेरी रचनाओं को पढ़कर अपनी जिंदगी में सकारात्मक परिवर्तन लाएं।
मुझे लगता है कि मेरा लेखन भविष्य में और भी अधिक लोगों तक पहुंचेगा और उनकी जिंदगी में सकारात्मक परिवर्तन लाएगा।
मुझे समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक न्याय के मुद्दे सबसे अधिक चिंतित करते हैं।
मुझे लगता है कि  हमारी संस्कृति बहुत समृद्ध और विविध है, जो मुझे गर्व महसूस कराती है।
एक लेखक के नाते, मैं कहना चाहूंगा कि,
“लेखन एक यात्रा है, जिसमें हम अपने विचारों को शब्दों में पिरोते हैं और दूसरों के साथ बांटते हैं। यह यात्रा हमें नई ऊंचाइयों पर ले जाती है, नए अनुभव प्रदान करती है, और हमें अपने आप को व्यक्त करने का मौका देती है।”
मैं अपने सभी पाठकों और लेखक मित्रों को यही कहना चाहूंगा कि,
“लिखते रहें, सीखते रहें, और अपने विचारों को दुनिया के साथ बांटते रहें। आपकी शब्दों की शक्ति दुनिया को बदल सकती है।”
आपका लेखन हमेशा पाठकों के दिलों को छूता रहे और आपकी शब्दों की शक्ति दुनिया को प्रेरित करती रहे!

धन्यवाद!

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

वालिद, अशफ़ाक़ अहमद शाह, नाम / हिन्दी - मुश्ताक़ अहमद शाह ENGLISH- Mushtaque Ahmad Shah उपनाम - सहज़ शिक्षा--- बी.कॉम,एम. कॉम , बी.एड. फार्मासिस्ट, होम्योपैथी एंड एलोपैथिक मेडिसिन आयुर्वेद रत्न, सी.सी. एच . जन्मतिथि- जून 24, जन्मभूमि - ग्राम बलड़ी, तहसील हरसूद, जिला खंडवा , कर्मभूमि - हरदा व्यवसाय - फार्मासिस्ट Mobile - 9993901625 email- [email protected] , उर्दू ,हिंदी ,और इंग्लिश, का भाषा ज्ञान , लेखन में विशेष रुचि , अध्ययन करते रहना, और अपनी आज्ञानता का आभाष करते रहना , शौक - गीत गज़ल सामयिक लेख लिखना, वालिद साहब ने भी कई गीत ग़ज़लें लिखी हैं, आंखे अदब तहज़ीब के माहौल में ही खुली, वालिद साहब से मुत्तासिर होकर ही ग़ज़लें लिखने का शौक पैदा हुआ जो आपके सामने है, स्थायी पता- , मगरधा , जिला - हरदा, राज्य - मध्य प्रदेश पिन 461335, पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल मगरधा, पूर्व प्रधान पाठक उर्दू माध्यमिक शाला बलड़ी, ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी, कम्युनिटी हेल्थ वर्कर मगरधा, रचनाएँ निरंतर विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में 30 वर्षों से प्रकाशित हो रही है, अब तक दो हज़ार 2000 से अधिक रचनाएँ कविताएँ, ग़ज़लें सामयिक लेख प्रकाशित, निरंतर द ग्राम टू डे प्रकाशन समूह,दी वूमंस एक्सप्रेस समाचार पत्र, एडुकेशनल समाचार पत्र पटना बिहार, संस्कार धनी समाचार पत्र जबलपुर, कोल फील्डमिरर पश्चिम बंगाल अनोख तीर समाचार पत्र हरदा मध्यप्रदेश, दक्सिन समाचार पत्र, नगसर संवाद नगर कथा साप्ताहिक इटारसी, में कई ग़ज़लें निरंतर प्रकाशित हो रही हैं, लेखक को दैनिक भास्कर, नवदुनिया, चौथा संसार दैनिक जागरण ,मंथन समाचार पत्र बुरहानपुर, और कोरकू देशम सप्ताहिक टिमरनी में 30 वर्षों तक स्थायी कॉलम के लिए रचनाएँ लिखी हैं, आवर भी कई पत्र पत्रिकाओं में मेरी रचनाएँ पढ़ने को मिल सकती हैं, अभी तक कई साझा संग्रहों एवं 7 ई साझा पत्रिकाओं का प्रकाशन, हाल ही में जो साझा संग्रह raveena प्रकाशन से प्रकाशित हुए हैं, उनमें से,1. मधुमालती, 2. कोविड ,3.काव्य ज्योति,4,जहां न पहुँचे रवि,5.दोहा ज्योति,6. गुलसितां 7.21वीं सदी के 11 कवि,8 काव्य दर्पण 9.जहाँ न पहुँचे कवि,मधु शाला प्रकाशन से 10,उर्विल,11, स्वर्णाभ,12 ,अमल तास,13गुलमोहर,14,मेरी क़लम से,15,मेरी अनुभूति,16,मेरी अभिव्यक्ति,17, बेटियां,18,कोहिनूर,19. मेरी क़लम से, 20 कविता बोलती है,21, हिंदी हैं हम,22 क़लम का कमाल,23 शब्द मेरे,24 तिरंगा ऊंचा रहे हमारा,और जील इन फिक्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित सझा संग्रह1, अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा,2. तहरीरें कुछ सुलझी कुछ न अनसुलझी, दो ग़ज़ल संग्रह तुम भुलाये क्यों नहीं जाते, तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें, और नवीन ग़ज़ल संग्रह जो आपके हाथ में है तेरा इंतेज़ार आज भी है,हाल ही में 5 ग़ज़ल संग्रह रवीना प्रकाशन से प्रकाशन में आने वाले हैं, जल्द ही अगले संग्रह आपके हाथ में होंगे, दुआओं का खैर तलब,,,,,,,

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