हाइकु
भुला न सका
मैं तुमको यादों से
तुम जां मेरी
आई बहार
तुम्हारे आने पर
आंखें चमकीं
दिल में छुपी
तुम्हारी तसवीर
प्यारी-सुंदर
तन्हा रहूं मैं
कैसे बताओ तुम
तुम्हारे बिना
एक चाहत
एक रिश्ता तुमसे
है मेरी जान
एक योजना
सभ्य योजना करे
युग निर्माण
इस तरह
किस-किस तरह
जीते जा रहे
प्रेरणा स्रोत
हमारे सेनानी हैं
भगत सिंह
देशभक्ति की
महान विशाल हैं
भगत सिंह
प्राण गंवाए
हंस-हंसकरके
भगतजी ने ।
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा