लघुकथा

बहू

एक शादी समारोह में पचपन वर्षीया राधा अपनी बेटी और बहू के साथ पधारी।  राधा जी की सुंदरता और सेहत उनकी उम्र से आधी लग रही थी। बेटी और बहू दोनों के नैन नक्श सुंदर थे । सभी की नजरें उन तीनों पर केंद्रित हो गई।

 एक महिला धीरे से अपने बगल की महिला के कान में फुसफुसाई,”तीनों कितनी सुंदर लगती हैं, लेकिन उनमें से एक के चेहरे में आभा कुछ कम दिखती है। लगता है एनीमिक है”

“जी, वह घर की बहू है” दूसरी महिला ने धीरे से कहा।

— निर्मल कुमार दे

निर्मल कुमार डे

जमशेदपुर झारखंड [email protected]