कविता

तेरा इश्क

तेरे इश्क का नूर है मेरे चेहरे पर
लोग समझते है किसी क्रीम का कमाल है
इतराती हूं इस अदा से कि
लोग देखते है हैरत से तुम्हारी तरफ
तुम्हारी नजरे यूं सराहते हर पल मुझे
लोगो की निगाह रहती तुम्हारी निगाह की तरफ
वो शरारत भरी मुस्कान से मुझे देखना
लोगो के दिलों पर नश्तर चुभो जाती है
इस कदर प्यार न कर मुझे
लोगो की नजर लग जाती हमें ।

— विभा कुमारी नीरजा

*विभा कुमारी 'नीरजा'

शिक्षा-हिन्दी में एम ए रुचि-पेन्टिग एवम् पाक-कला वतर्मान निवास-#४७६सेक्टर १५a नोएडा U.P

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