गीत/नवगीत

पल भर भी मैं अलग न रहता

साथ भले ही आज नहीं हो, साथ की यादों में जीता हूँ।
पल भर भी मैं अलग न रहता, सुधा तुम्हारे कर, पीता हूँ।।
साथ भले ही तुम्हें न भाता।
साथ तुम्हारे मैं मदमाता।
प्रेम तुम्हारा भरा है उर में,
गीत तुम्हारे अब भी गाता।
नेह तुम्हारा भरा हुआ है, युग बीते पर, नहीं रीता हूँ।
पल भर भी मैं अलग न रहता, सुधा तुम्हारे कर, पीता हूँ।।
जहाँ सुखी हो, रहो वहीं पर।
याद न करना, मुझे कहीं पर।
तड़पन का आनन्द मुझे है,
पल भर भूला नहीं कहीं पर।
साथ किसी के खुशियाँ पाओ, साथ तुम्हारे ही जीता हूँ।
पल भर भी मैं अलग न रहता, सुधा तुम्हारे कर, पीता हूँ।।
ख्वाबों में तुम साथ हो हर पल।
कामों में तुम साथ हो हर पल।
तुम्हारे हाथ ही खाना-पीना,
तुम्हारे साथ ही सोता प्रति पल।
जीवन तो गया साथ तुम्हारे, ना मालूम मैं क्यों जीता हूँ।
पल भर भी मैं अलग न रहता, सुधा तुम्हारे कर, पीता हूँ।।

— डॉ. संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

डॉ. संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

जवाहर नवोदय विद्यालय, मुरादाबाद , में प्राचार्य के रूप में कार्यरत। दस पुस्तकें प्रकाशित। rashtrapremi.com, www.rashtrapremi.in मेरी ई-बुक चिंता छोड़ो-सुख से नाता जोड़ो शिक्षक बनें-जग गढ़ें(करियर केन्द्रित मार्गदर्शिका) आधुनिक संदर्भ में(निबन्ध संग्रह) पापा, मैं तुम्हारे पास आऊंगा प्रेरणा से पराजिता तक(कहानी संग्रह) सफ़लता का राज़ समय की एजेंसी दोहा सहस्रावली(1111 दोहे) बता देंगे जमाने को(काव्य संग्रह) मौत से जिजीविषा तक(काव्य संग्रह) समर्पण(काव्य संग्रह)

Leave a Reply