जय भीम कहेंगे सौ सौ बार
हम सदा से ही सरल व सीधे रहे हैं
नहीं बन सकते आपकी तरह खूंखार,
रोकने की आपकी हस्ती नहीं
जय भीम कहेंगे सौ सौ बार,
आपने हमें तड़पा तड़पा सदा मारा है,
पर जय भीम हमारी मिशन और विचारधारा है,
हमें न दिखाओ स्वर्ग का लालच,
हमारा मस्तिष्क अब नहीं तुम्हारे बस,
हमें न दिखाओ अपने नर्क का डर,
सिहरन से चुके हैं उबर,
समझते हैं हम तुम्हारे स्वर्ग नर्क की हकीकत,
हमारे पुरखों ने चुकाये हैं जिसकी कीमत,
अपने स्वर्ग नर्क से क्या वापस आ सकते हो?
मरा होकर कैसे वहां की बातें बता सकते हो?
भीम के नाम से दिख रहा तुम्हारा खीझ,
पलटेगा तुम्हारे बे सिर पैर का नसीब,
जाओ अपनी बातें मूर्खों को समझाना,
हम वो नहीं न बनाओ हमें निशाना,
हमें फांसे रखने न इतना जोर लगाओ,
अपनी धूर्तता के साथ रफूचक्कर हो जाओ।
— राजेन्द्र लाहिरी