ग़ज़ल
अब न कहना मुझे प्यार है।
दिल सुने आज तैयार है।।
बेवफ़ाई न करना कभी।
देख वरना बँटाढार है।।
दुश्मनी साध पीछे हटा।
आज हमने किया वार है।।
अब ग़ज़ल सुन रहे हैं यहाँ।
देख अब लीन संसार है।।
यह ज़माना हमें दे सदा।
आज खोला यही द्वार है।।
मिल क़दम से क़दम अब गये।
हो गयी तेज़ रफ़्तार है।।
जीत जाते सभी जो सुनो।
देख हो रोज़ जयकार है।।
आज तूने बुलाया मुझे।
मैं कहूँ यार दिलदार है।।
आज काँटा चुभा देख ले।
बह रही ख़ून की धार है।।
— रवि रश्मि ‘अनुभूति’