लघुकथा

बटवारा

राजा बैताल की शर्तों को स्वीकार कर उसे अपने कंधे पर डाल कर अपनी मंजिल की ओर चल पड़ा था। बैताल ने कहना शुरू किया, ‘’ राजन, एक सेठ के दो बेटे थे। बेटे जवान हो गए, उनकी शादी हो गई। तो उसने अपनी संपत्ति का बटवारा करने की सोची। उसने बेटों को बुलाया और बताया कि वह अपनी संपत्ति दोनों बेटों में बाँट कर मुक्त होना चाहते हैं। वह एक बेटे को अपनी तीन चौथाई संपत्ति तथा दूसरे बेटे को एक चौथाई संपत्ति दे कर उसी बेटे के साथ वह रहना भी चाहते हैं।
राजन, जिस बेटे को वह एक चौथाई संपत्ति देना चाहते हैं, उसी के साथ रह कर वह उस पर बोझ भी बनना चाहते हैं। क्या उनका यह निर्णय सही है ? यदि सही है, तो किस कारण ? यदि जानते हो तो शर्त के अनुसार बताओ ! ‘’
‘’ सेठ का निर्णय सही था, क्योकि सेठ का व्यापार कौशल उस बेटे की एक चौथाई संपत्ति को फिर से दूसरे बेटे की तीन चौथाई संपत्ति से भी ज्यादा बना देगा। फिर पिता का आशीर्वाद बेटे की बड़ी ताकत होता है। ‘’
राजा के बोलते ही बैताल फिर पेड़ पर जा बैठा।

— विष्णु सक्सेना

विष्णु सक्सेना

पिता - स्व ;महाशय विशम्बर दयाल माता -स्व ;श्रीमती कौशिल्या देवी जन्म -26 जनवरी 1941 ,दिल्ली शिक्षा -,डी एम् ई आनर्स रूडकी विश्वविद्यालय 1964 सम्प्रति -सेवा निवृत डिप्टी चीफ इंजिनियर एच एम् टी पिंजोर ; अब स्वतंत्र लेखन ; राज्य श्रेष्ठ कृति -बैंजनी हवाओं में [काव्य संग्रह ] भाषा विभाग हरियाणा द्वारा [1972] ;अक्षर हो पुरुस्कार तुम [खंड काव्य ] हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा 2014 ; पुरुस्कृत कहानियाँ -वापसी [1996] ,चमक आत्म सम्मान की [1997] ,मुक्ति एक बोन्जाई की [1999] तीनो कहानियां हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा पुरुस्कृत लघु शोध प्रबंध -विष्णु सक्सेना –व्यक्तित्व व कृतित्व [1998] कुसुम लता द्वारा :कहानीकार विष्णु सक्सेना [2004] अनीता नयन द्वारा : अक्षर हो तुम में मानव मूल्य [2017] कृषण चंदर द्वारा ; सभी कुरुषेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा से एम् फिल के लिए स्वीकृत सम्मान -राष्ट्रीय हिंदी सहस्त्राब्दी सम्मान [2000] मानव संसाधन मंत्रालय नई दिल्ली : व अन्य सम्पादन -कलादीप [लघु पत्रिका ]1973 से 1975 तक :चित्रांश उदगार [एकता अंक ]सितम्बर 1997 मौलिक कृतियाँ -काव्य संग्रह –बैंजनी हवाओं में 1976, गुलाब कारखानों में बनते हैं 1995,धूप में बैठी लड़की 2010 .सिरहन सांसों की 2013 :खंड काव्य –अक्षर हो तुम 2013 ,सुनो राधिके सुनो 2021 : कहानी संग्रह _बड़े भाई 1995 ,वापसी 2003 : लघु कथा संग्रह _एक कतरा सच 2018 सम्पर्क -एस जे 41 , शास्त्री नगर ,गाज़ियाबाद 201002 उ प्र : मो - 9896888017 ई मेल [email protected]

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