नन्हे नन्हे फूल
इस ताकत को बढ़ाने में,
मां की दुआओं से रूबरू होना पड़ता है।
शिखर पर पहुंचने का,
रास्ता यही से निकलते हुए,
तरक्की और तक़दीर की जरूरत पर,
गुफ्तगू करता दिखता है।
यही जिंदगी की सबसे बड़ी चुनौती बन जाती है,
मां-बाप को भूलना इन्हें नहीं स्वीकार्य है,
फिर भी सोहबत में,
बड़ी मुश्किल सी उम्मीद नज़र आतीं हैं।
घर आंगन में खुशियां भरपूर मिले,
नन्हे नन्हे फूल,
सबसे खूबसूरत उपहार है।
इस ताकत से निकली हुई आवाज में,
घुली हुई आवाज में,
नहीं दिखता तकरार है।
बच्चों को पढ़ाने- लिखाने में,
मां-बाप कोई कसर नहीं छोड़ते है।
यही वजह है कि,
बच्चों को भी इस बात की,
हरेक पड़ाव पर ख़बर रहती है,
वो उन्हें अपने साथ रखने की ज़िद नहीं छोड़ते है।
कुछ मजबूरियों को लेकर,
तनहा दिखते हैं कुछ लोग।
इस सियासत में भूचाल लाने में,
बड़े कमजोर हो जातें हैं लोग।
इस सियासत में बदलाव लाने की,
भरपूर कोशिश होनी चाहिए यहां।
नन्हे नन्हे फूल से,
यही उम्मीद रहती है सबको यहां।
— डॉ. अशोक, पटना