कविता

नन्हे नन्हे फूल

इस ताकत को बढ़ाने में,
मां की दुआओं से रूबरू होना पड़ता है।
शिखर पर पहुंचने का,
रास्ता यही से निकलते हुए,
तरक्की और तक़दीर की जरूरत पर,
गुफ्तगू करता दिखता है।

यही जिंदगी की सबसे बड़ी चुनौती बन जाती है,
मां-बाप को भूलना इन्हें नहीं स्वीकार्य है,
फिर भी सोहबत में,
बड़ी मुश्किल सी उम्मीद नज़र आतीं हैं।

घर आंगन में खुशियां भरपूर मिले,
नन्हे नन्हे फूल,
सबसे खूबसूरत उपहार है।
इस ताकत से निकली हुई आवाज में,
घुली हुई आवाज में,
नहीं दिखता तकरार है।

बच्चों को पढ़ाने- लिखाने में,
मां-बाप कोई कसर नहीं छोड़ते है।
यही वजह है कि,
बच्चों को भी इस बात की,
हरेक पड़ाव पर ख़बर रहती है,
वो उन्हें अपने साथ रखने की ज़िद नहीं छोड़ते है।

कुछ मजबूरियों को लेकर,
तनहा दिखते हैं कुछ लोग।
इस सियासत में भूचाल लाने में,
बड़े कमजोर हो जातें हैं लोग।
इस सियासत में बदलाव लाने की,
भरपूर कोशिश होनी चाहिए यहां।
नन्हे नन्हे फूल से,
यही उम्मीद रहती है सबको यहां।

— डॉ. अशोक, पटना

डॉ. अशोक कुमार शर्मा

पिता: स्व ० यू ०आर० शर्मा माता: स्व ० सहोदर देवी जन्म तिथि: ०७.०५.१९६० जन्मस्थान: जमशेदपुर शिक्षा: पीएचडी सम्प्रति: सेवानिवृत्त पदाधिकारी प्रकाशित कृतियां: क्षितिज - लघुकथा संग्रह, गुलदस्ता - लघुकथा संग्रह, गुलमोहर - लघुकथा संग्रह, शेफालिका - लघुकथा संग्रह, रजनीगंधा - लघुकथा संग्रह कालमेघ - लघुकथा संग्रह कुमुदिनी - लघुकथा संग्रह [ अन्तिम चरण में ] पक्षियों की एकता की शक्ति - बाल कहानी, चिंटू लोमड़ी की चालाकी - बाल कहानी, रियान कौआ की झूठी चाल - बाल कहानी, खरगोश की बुद्धिमत्ता ने शेर को सीख दी , बाल लघुकथाएं, सम्मान और पुरस्कार: काव्य गौरव सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, कविवर गोपाल सिंह नेपाली काव्य शिरोमणि अवार्ड, पत्राचार सम्पूर्ण: ४०१, ओम् निलय एपार्टमेंट, खेतान लेन, वेस्ट बोरिंग केनाल रोड, पटना -८००००१, बिहार। दूरभाष: ०६१२-२५५७३४७ ९००६२३८७७७ ईमेल - [email protected]

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