खुशनुमा रंग हो नूतन वर्ष में
इसकी सोहबत में,
खुशनुमा रंग हो,
उमंग और उत्साह से भरपूर संग हो।
इसकी वजह से ही,
रंगीन दुनिया बनाई जा सकती है।
हमेशा आगे बढ़ने में,
इन्सानियत को बरकरार रखने की,
ताकत बढ़ती है।
नववर्ष सुकून देने वाली ताकत है,
उम्मीद बनाएं रखने की,
खुशियां नासाज़ नहीं होने देती है।
सही क़दम उठाने वाले शखिसियत को,
सही मुकाम पर पहुंचने की,
हमेशा देती हिदायत है।
उम्मीद बनाएं रखने की ताकत संग एक सीख है,
हमेशा बस एक सुखद अहसास मिले,
इस ज़िद में रहना,
नहीं दिखता भीख है।
नवीन प्रयास और प्रयोग से गुफ्तगू कराती है,
खुशियां भरपूर मिले,
इसकी वजह बताती है।
घर आंगन को साकार स्वर्ग का रंग गहरा हो,
यही प्रवृत्ति देती है।
नवीन चेतना को जागृत करने में,
सबसे पहले रहती है।
सुचिता यही है,
प्रश्न और उत्तर जानने की कोशिश यही है,
समग्र मूल्यांकन में,
यही दिखता सही है।
प्रफुल्लित मन को तसल्ली देती है,
समग्र विकास में योगदान करने में,
सबसे प्रबल दावेदार बनकर,
उत्कृष्ट प्रस्तुति देती है।
खुद को सजाने संवारने में,
यही एक वजह है।
हमेशा आगे बढ़ने की कोशिश है,
सब कहते हैं,
इसकी सोहबत में बड़ी ताकत बनकर छुपीं हुईं प्रेरणा है,
हम कह सकते हैं,
यही जिंदगी का रहस्य है,
कह सकते अगह है।
— डॉ. अशोक, पटना