जाता साल बोला
जाते जाते साल हंस कर यूं बोला
जीवन गति का राज यूं खोला
आये होगे बहुत पल ,तुम्हें हंसाने को
आये होगे बहुत पल, तुम्हें रूलाने को
हीरे मोती है वो, रखना उन्हें संजोने को
जाते जाते साल हंस कर यूं बोला
जीवन गति का राज यूं खोला
नया सूरज आयेगा,नयी किरणें लायेगा
नया संदेश सुनायेगा, नया संकल्प उठायेगा
किरन किरन तम हरेगी, हृदय ह्रदय उजास भरेगी
जाते जाते साल हंस कर यूं बोला
जीवन गति का राज यूं खोला
युवा मन तुम पुरखों के होना अनुगामी
हिमगिरि से अटल, जाह्नवी से तरल, करना न मनमानी
व्यापार, चिकित्सा , शिक्षा गांव तक है पहुंचानी
जाते जाते साल हंस कर यूं बोला
जीवन गति का राज यूं खोला
— शुभ्रा राजीव