बोझ बांटने की ताकत
यही बेटियां हैं,
समन्दर पार भी नजर रखती है।
रब की मेहरबानियां है,
इसकी वजह से ही,
यह घर आंगन में पलती बढ़ती और संवरती है।
मां बाप भाई बहन या कोई नजदीकि रिश्तेदार हों,
सब पर मेहरबानियां करती है।
सफ़र इधर-उधर न हो,
उसकी आंखों में आंखें डाल कर कहती हैं,
नज़र अन्दाज़ नहीं करती है,
बस सुकून देने वाली ताकत बनकर,
हमेशा खड़ी रहती है।
हमें आनन्द मिले या न मिले,
बस सब की खिदमत करती रहती है,
तकलीफें झेलने में बखूबी,
मदद करने में,
हमेशा तैयार बनी रहती है।
हमें आनन्द और प्रसन्नता मिले,
इसकी खोज में लगी रहती है।
हरेक पड़ाव पर एक सुखद अहसास दिलाने वाली,
ताकत बनकर खिदमत करती है।
हम कह सकते हैं कि बेटियां ऐसी उपहार है,
इसकी वजह से ही,
दुनिया आबाद रहती है,
खुशियां भरपूर मिले,
यही इसकी खासियत है,
हम कह सकते हैं,
जहां का सबसे खूबसूरत आभार है।
— डॉ. अशोक, पटना