डिफॉल्ट

हँसना अच्छा है

हँसना अच्छा  है 

हँसिए

हँसिए  खूब हँसिए

खुद पर हँसिए

दूसरे पर हँसिए

हँसी की बात पर हँसिए

जहाँ मौका मिले हँसने का 

ठहाका मार कर हँसिए

पर किसी के दर्द पर न हँसिए

कहाँ हँसना 

कहाँ न हँसना 

इस बात का ध्यान रखिये 

द्रोपदी भी हँसी थी 

परिणाम क्या हुआ 

महाभारत रच गया 

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020

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