चुप्पी
चुप्पी
उनकी पचासवीं मैरिज एनिवर्सरी पर मैंने बधाई देते हुए उनके खुशहाल संग-साथ का राज पूछा, तो उन्होंने अपनी पत्नी की ओर देख मुस्कुराते हुए कहा, “हम दोनों को अच्छे-से पता है कि हर बार बोलना जरूरी नहीं होता है। कभी-कभी या कहें अक्सर हमारी चुप्पी बड़ी-बड़ी सुनामी को टाल सकती है। इसलिए कभी मैं तो कभी ये चुप्पी साध लेती हैं।”
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़