कविता

धन्यवाद ! धन्यवाद !‌ धन्यवाद !

जो जितना साथ चला उसका उतना ही धन्यवाद,
जो ईष्या से जला उसका भी उतना ही धन्यवाद,
जिन्होनें दी शुभकामनाएं उनको भी है धन्यवाद,
जिन्होनें व्यंग बाण चलाएं उनको भी है धन्यवाद ।

जिन्होनें खुशियां छीनी उनका भी हैं धन्यवाद,
जिन्होनें ढेरों खुशियां भरी उनका भी धन्यवाद,
जो पीठ पीछे छूरा भोंक चले उन्हें भी धन्यवाद,
जो मुश्किलों में साथ बढ़े उनका भी धन्यवाद ।

जिंदगी को अपनाना सीखाया उनको भी धन्यवाद,
रूकावटों का अंबार लगाया उनको भी है धन्यवाद,
जो दुआओं का उपहार बन आएं उन्हें भी धन्यवाद,
अकेले छोड़ धोखा दे चले गए उन्हें भी है धन्यवाद ।

— मोनिका डागा “आनंद”

मोनिका डागा 'आनंद'

चेन्नई, तमिलनाडु

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