गीतिका/ग़ज़ल

न कहना अलविदा

न कहना अलविदा ,इस बीते साल को यारा
कोसना कभी नहीं दिल से‌ बदहाल को यारा

जो बीत गया उस को कभी बुरा नहीं कहते,
खुश रहना सीखो गमीं में हर हाल को यारा

मन शांत कर बैठे जो हमने सपने संजोए थे ,
हासिल किये, समझ वक्त की चाल को यारा

चाह कर भी पा नहीं सके, रहे हाथ थे मलते ,
आज फिर से धो दो उस ही मलाल को यारा

न कहना अलविदा रेहमत इस की मीत मिला,
तरसते थे रहे उस रुखसार के गुलाल को यारा

सदा मिलता वही लिखा जो होता है मुक़द्दर में
कड़ी मेहनत से रौंदा हमनें इस खाल को यारा

चलता लक्ष्य साध के मंजिल मिल ही जाती है,
अपनाएंगे फिर हम उस वक्त की ढाल को‌ यारा

ढेर सारी न‌ई उम्मीदे‌ नया अब यह साल लाएगा,
ऊंचा उठाएंगे दुनिया में वतन के भाल को यारा

— शिव सन्याल

शिव सन्याल

नाम :- शिव सन्याल (शिव राज सन्याल) जन्म तिथि:- 2/4/1956 माता का नाम :-श्रीमती वीरो देवी पिता का नाम:- श्री राम पाल सन्याल स्थान:- राम निवास मकड़ाहन डा.मकड़ाहन तह.ज्वाली जिला कांगड़ा (हि.प्र) 176023 शिक्षा:- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लोक निर्माण विभाग में सेवाएं दे कर सहायक अभियन्ता के पद से रिटायर्ड। प्रस्तुति:- दो काव्य संग्रह प्रकाशित 1) मन तरंग 2)बोल राम राम रे . 3)बज़्म-ए-हिन्द सांझा काव्य संग्रह संपादक आदरणीय निर्मेश त्यागी जी प्रकाशक वर्तमान अंकुर बी-92 सेक्टर-6-नोएडा।हिन्दी और पहाड़ी में अनेक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। Email:. [email protected] M.no. 9418063995

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