प्रतिभा दमन,कारण एवं निवारण
प्रति प्रतिभाओं का दमन आज से ही नहीं होता, हमेशा से होता रहा है और आगे भी होता ही रहेगा। इससे निपट पाना फिलहाल तो सिर्फ कल्पना मात्र है।। इस समस्या के बहुतेरे कारण हो सकते हैं। लेकिन सबके लिए एक ही कारण नहीं होते। हर व्यक्ति की प्रतिभा दमन के पीछे भिन्न भिन्न कारण होते हैं, जिससे प्रतिभाओं को उनकी क्षमता के अनुरूप विकसित होने का अवसर ही नहीं मिल पाता।
इसके कारणों की बात करें तो, पारिवारिक, आर्थिक, सामाजिक, संसाधनों, सुविधाओं, समुचित शिक्षण, प्रशिक्षण की कमी, विभिन्न स्तरीय तनाव आदि अनेक कारण होते हैं। यह अलग बात है कि सबके लिए अलग-अलग कारण और परिस्थितियां जिम्मेदार हो सकती हैं।
दमित प्रतिभाओं के विभिन्न दुष्परिणाम होते हैं, जिनमें कुंठा, अवसाद , शर्मिंदगी, हीन भावना और बदकिस्मत होने जैसा भाव उत्पन्न होने लगता है। जिसका परिणाम यह होता है कि व्यक्ति चिड़चिड़ा होने, क्रोधित जल्दी होने, झगड़ालू होने की ओर बढ़ने के अलावा परिवार, समाज से मुँह चुराने की कोशिश करता है, नशा सेवन और अपराध की दलदल में जा सकता हैं।
दमित प्रतिभा के दमन को रोकने और विकास के लिए शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, आर्थिक स्थिति, सामाजिक बुराई, पारिवारिक स्थितियों की दिशा में काम करने की आवश्यकता है। इसके लिए सुविधाओं के साथ अवसरों की उपलब्धता पर काम किए जाने की जरूरत है। तकनीकी, व्यावसायिक, लघु उद्योग, कुटीर उद्योग, पारंपरिक व्यवसाय, पशु पालन, खेती, व्यवसायिक खेती को बढ़ावा देने के साथ सरलता से छोटे छोटे ऋण ( शिक्षा, कृषि, लघु उद्योग, कुटीर उद्योग आदि हेतु हर तरह के ऋण) को सरलता, सहजता और कम से कम समय में से उपलब्ध कराने की व्यवस्था होनी चाहिए। सरकार के साथ साथ सामाजिक संगठन और उद्योग जगत को भी इसके लिए कदम उठाने और सुझाव/ विकल्प उपलब्ध कराने की अधिक नहीं और अधिक जरूरत है। साथ विभिन्न स्तरों पर यथासंभव काउंसलिंग की व्यवस्था की इस दिशा में प्रभावकारी होगा।
प्रतिभाओं के दमन का दुष्प्रभाव व्यक्ति, परिवार, समाज पर ही नहीं पड़ता, बल्कि राष्ट्र भी इसका नुकसान झेलता है।
इसके अलावा जो सबसे जरूरी है माता पिता, परिवार, इष्ट मित्रों, शुभचिंतकों द्वारा प्रोत्साहन, प्रेरणा, आत्मविश्वास बढाते हुए और हर स्थिति में साथ होने का विश्वास दिलाना सबसे अहम है।