मृत्यु पीड़ा
मृत्यु पीड़ा का वर्णन करना नामुमकिन है,क्योंकि अपनों को खोने की पीड़ाहम सब मिलकर शोक जताकरएक दूसरे को ढाँढस बँधाकर सह लेते हैं,यही नियम और प्रकृति का विधान हैआया है सो जायेगायही सोच हमें ढाँढ़स बँधाती है,किसी अपने की मृत्यु के बादजीने की राह दिखाती है।मगर मृत्यु पीड़ा का अहसासमृत्यु की ओर बढ़ रहा जीव ही वास्तव में कर पाता है,मगर उसकी पीड़ा/अहसास का अनुभव बाँटने के लिए हमारे बीच वो कभी नहीं रह पाता है।मृत्यु पीड़ा का सटीक चित्रण, महज परिकल्पना है,महज छलावा और कल्पना हैमृत्यु पीड़ा का बखान कोई नहीं कर सकता,जो वास्तव में झेलता है मृत्यु पीड़ावो बखान करने के लिएइस मृत्यु लोक में भला कहाँ रहता हैं?