कविता

अनहित

प्रभु से मानव जीवन मिला,
सोच समझकर चलना ,
किसी का अनहित न करना
सत्य के मार्ग पर चलना,

जगत में हित कर्म ही करना,
कभी किसी से घृणा नहीं करना,
अन्याय को कभी न सहना,
धर्म का काम करते रहना,

बुराई का साथ कभी न देना,
जहां जरूरी वही बोलना,
बुरा किसी न कहना,
अच्छे इंसान बनकर रहना,

प्रभु की स्मरण करते रहना,
उसको धन्यवाद बोलते रहना,
कभी किसी का दिल न दुखाना,
सबका हित करते रहना

— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश

Leave a Reply