बाल कविता

बाल कविता – नन्ही गुड़िया

नन्ही नन्ही गुड़ियां आई
चाँद सितारे साथ है लाई।
दो चोटियां बनाकर आई
देखकर उसको
सबके चेहरा पर मुस्कुराहट आई।
लाल-लाल गालों से मुस्कुराती
दूध जैसे दांत सबको दिखाती
नन्हें नन्हें हाथों से क ख ग
लिखकर आई,
लिखवाट उसकी सबको पसंद आई।
गोल गोल गालों को मटकाती
खुद को परियों की रानी कहलाती।

— डॉ. राजीव डोगरा

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- [email protected] M- 9876777233

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