बाल कविता – नन्ही गुड़िया
नन्ही नन्ही गुड़ियां आई
चाँद सितारे साथ है लाई।
दो चोटियां बनाकर आई
देखकर उसको
सबके चेहरा पर मुस्कुराहट आई।
लाल-लाल गालों से मुस्कुराती
दूध जैसे दांत सबको दिखाती
नन्हें नन्हें हाथों से क ख ग
लिखकर आई,
लिखवाट उसकी सबको पसंद आई।
गोल गोल गालों को मटकाती
खुद को परियों की रानी कहलाती।
— डॉ. राजीव डोगरा