कुण्डली/छंद

कुण्डलिया छंद रचना 

भारत माता वीर ने, रचा स्वर्ण इतिहास।

राणा महा प्रताप वे, भारत भाल प्रभास।।

भारत भाल प्रभास, दिवाकर थे तेजस्वी।

चले तेज तलवार, साहसी शूर यशस्वी।।

‘चेतक’ स्वामी भक्त, अश्व था साथ निभाता।

गर्वित अरु अभिभूत, आप से भारत माता।।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८

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