लघुकथा

छद्म (लघुकथा)

शहर के नेता नरेश भान ने शाम को अपने दोनों बेटों को बुलाकर कहा-” कल के बंद की अगुवाई करने का जिम्मा संगठन ने मुझे सौंपा है। कल हम सुबह 11:00 बजे चौक से इकट्ठे होकर जुलूस का आयोजन करेंगे और फिर जुलूस शहर की गलियों से गुजरता हुआ डी सी कार्यालय में मांग पत्र के साथ संपन्न होगा।”

इसके बीच भीड़ उग्र हो गई तो..?युवा बेटे ने कहा । “तब वहीं जुलूस खत्म समझो। गिरफ्तारियां होंगी हम नेता हैं और हम गिरफ्तार हो जाएंगे। नेता ने मुस्कुरा कर जवाब दिया ।

परंतु आप दोनों इस शहर में नहीं रहेंगे । आप दोनों कल दूसरे शहर चले जाएंगे। कल को आपका करियर भी तो देखना है। कहीं अरेस्ट-वेस्ट हो गए तो दिक्कत हो जाती है। हर जगह करेक्टर प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है । अच्छे करियर के लिए पुलिस में कोई केस नहीं होना चाहिए।” दोनों बेटे अपने पिता की बात मानकर दूसरे शहर चले गए ।

दूसरे दिन सुबह जुलूस निकला। नेताजी के साथ जुलूस वाली शाम तक कई युवा गिरफ्तार हो गए थे । उनमें बहुत से युवा पढ़े-लिखे डिग्री धारक थे । सैंकड़ों युवाओं के साथ गिरफ्तार नेताजी का जोश देखते ही बन रहा था । वह युवाओं से अपने हक के लिए मर मिटने का आह्वान कर रहे थे …। मानो उनका यह आह्वान अपने बेटों के भविष्य के लिए ही हो…।

— अशोक दर्द

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: [email protected], प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- [email protected], [email protected]

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