महाकुम्भ
बुला रही हैं त्रिवेणी,संगम तट के घाट
ब्रह्मा विष्णु महेश की, जहां बढ़ी है ठाट
जहां बढ़ी है ठाट, सनातन फिर मुसकाया
यार एक सौ चौवालिस वर्षों पर आया
कह सुरेश पावनता झूले झुला रही है
चलो हिंदुओं, गंगा मइया बुला रही हैं
— सुरेश मिश्र
बुला रही हैं त्रिवेणी,संगम तट के घाट
ब्रह्मा विष्णु महेश की, जहां बढ़ी है ठाट
जहां बढ़ी है ठाट, सनातन फिर मुसकाया
यार एक सौ चौवालिस वर्षों पर आया
कह सुरेश पावनता झूले झुला रही है
चलो हिंदुओं, गंगा मइया बुला रही हैं
— सुरेश मिश्र