कल हमारा है
कल हमारा था या नहीं
इससे बाहर निकलिए
नयी उर्जा, नयी सोच का
नव जागरण करिए।
सकारात्मक भाव से
बेहतर की कल्पना कीजिए,
निराश होकर मत बैठिए।
उठिए ! आत्मविश्वास जगाइए
मुस्कुराइए, बीती बातों को भूल जाइए
बेहतर कल की बात सोचिए
फिर देखिए सब कुछ कैसे बदलता है
गहन अंधेरा कैसे छँटता है
जो लग रहा है, कल भी हमारा नहीं है
वो कल कितनी सहजता से
हमारा आपका अपना होता है
कल हमारा है! का सपना साकार होता है।