कविता

मौनी अमावस्या

माघ मास की पावन तिथि अमावस्या,
जनप्रचलित कहते है मौनी अमावस्या,
यह तिथि है अत्यंत ही शुभ फलदायक,
पुण्यदाई, संकटनिवारणी, लाभदायक ।

वाणी पर संयम शांत चित्त ये तपो व्रत,
साधु, संत, जनमानस रखते मौन व्रत,
पितरों की शांति के लिए करते तर्पण,
इष्ट का ध्यान जप, तप, सेवा समर्पण ।

जब पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा,
जीवन में खुशियों का आगमन होगा,
कर्म दोषों से मुक्ति पालो सभी लोग,
अमृत स्नान का अति उत्तम यह योग ।

बड़ी महिमा है इस अमावस्या तिथि की,
सनातन धर्म में संगम तट स्नान करने की,
पूरी होती हर अधूरी आस और फरियाद,
देवी-देवता, पितरों का मिलता आशीर्वाद ।

पितरों की शांति के लिए करो मन से तर्पण,
स्नान, ध्यान, जप, तप, दान, पूजन व अर्चन,
पूर्ण महाकुंभ में भागी बनो पुण्य अर्जित कर,
सेवा, सत्संग, संकीर्तन, गुरु सानिध्य पाकर ।

— मोनिका डागा “आनंद”

मोनिका डागा 'आनंद'

चेन्नई, तमिलनाडु

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