जिद्दी व्यक्तित्व
तुम कितनी भी कोशिश करो
बिखराने की हमें
हम बिखर कर भी
फिर से जुड़ जाएगे।
तुम कितनी भी कोशिश करो
जलाने की हमें
हम जली राख़ से भी
अपना मका बना लेंगे।
तुम कितनी भी कोशिश करो
राहों मे गिराने की हमें
हम गिर कर भी
फिर उठ चल पड़ेगे।
तुम कितनी भी कोशिश करो
हमें हराने की
हम हार कर भी
फिर अपना मुकाम जीत जाएंगे।
— डॉ. राजीव डोगरा