कविता

ऋतुराज बसंत की आहट

मीठी सी गुदगुदी देने वाली,
ऋतुराज बसंत ऋतु,
मन को तसल्ली देती हुई घर आ रही है।
मन को तसल्ली देती हुई,
खुशियां भरपूर देने,
घर आंगन में रहने की उम्मीद लगाए,
पुष्प वर्षा सी सुकून देने वाली ताकत बनकर,
पूरी दुनिया में खलबली मचा,
देने की कोशिश कर,
नवीन चेतना को जागृत करने,
धरा पर बसंत ऋतु बनकर,
आसमां में एक सुखद अहसास दिलाने,
नवीन प्रयास और प्रयोग करने की,
खुशियों संग हर रिश्ते में,
प्रगाढ़ता बढ़ाकर जीवन्त रूप में,
हरेक पड़ाव पर छा गई है।

पीली चादर ओढ़कर,
धरती में उन्नत खोज करते हुए,
दुगुनी खुशियां बढ़ा रहीं हैं।
सर्दी की तकलीफें खत्म कर,
नवजीवन प्रदान करने,
सहचर और सहभागी बनकर,
हरेक जीवन्त स्वरूप में,
खुशियां भरपूर बर्षाते हुए,
नवीन चेतना को जागृत करने में,
बड़ी चंचलता और उत्साह से,
अदम्य साहस के साथ,
अपनी बातों से रूबरू कराने,
मंद-मंद गति से चल कर,
सबकी खिदमत करने की चाहत लेकर,
आज़ जिम्मेदारियों को पूरा करने,
उर्जा से परिपूर्ण करने की हिम्मत करके,
हमारी संस्कृति को,
नवीन पहचान दिलाने में,
अहम् भूमिका निभा रही है।
अबनी से अम्बर तक,
कृषकों की भक्ति पर,
खेतों की जरूरत पर,
नव युवक और युवती को,
एक सृजन की जरूरत पर,
ज्ञान दर्पण बनकर,
सुगंध और उमंग भरकर,
आशान्वित बना रही है,
बसंत ऋतु की परिकल्पना,
अब साकार होने जा रही है।

— डॉ. अशोक, पटना

डॉ. अशोक कुमार शर्मा

पिता: स्व ० यू ०आर० शर्मा माता: स्व ० सहोदर देवी जन्म तिथि: ०७.०५.१९६० जन्मस्थान: जमशेदपुर शिक्षा: पीएचडी सम्प्रति: सेवानिवृत्त पदाधिकारी प्रकाशित कृतियां: क्षितिज - लघुकथा संग्रह, गुलदस्ता - लघुकथा संग्रह, गुलमोहर - लघुकथा संग्रह, शेफालिका - लघुकथा संग्रह, रजनीगंधा - लघुकथा संग्रह कालमेघ - लघुकथा संग्रह कुमुदिनी - लघुकथा संग्रह [ अन्तिम चरण में ] पक्षियों की एकता की शक्ति - बाल कहानी, चिंटू लोमड़ी की चालाकी - बाल कहानी, रियान कौआ की झूठी चाल - बाल कहानी, खरगोश की बुद्धिमत्ता ने शेर को सीख दी , बाल लघुकथाएं, सम्मान और पुरस्कार: काव्य गौरव सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, कविवर गोपाल सिंह नेपाली काव्य शिरोमणि अवार्ड, पत्राचार सम्पूर्ण: ४०१, ओम् निलय एपार्टमेंट, खेतान लेन, वेस्ट बोरिंग केनाल रोड, पटना -८००००१, बिहार। दूरभाष: ०६१२-२५५७३४७ ९००६२३८७७७ ईमेल - [email protected]

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