कविता

आधुनिक व्यक्तित्व

बहुत कुछ लिखते हैं लिखने वाले
मगर लिख नहीं पाते
अपने गुनाहों को कभी।
बहुत कुछ कहते हैं कहने वाले
मगर कह नहीं पाते
अपने जुर्मो को कभी।
बहुत कुछ सुनाते हैं सुनाने वाले
मगर सुना नहीं पाते
अपनी कमियों को कभी।
बहुत कुछ दिखाते है दिखाने वाले
मगर दिखा नहीं पाते
दबे हुए जज्बातों को कभी।

— डॉ. राजीव डोगरा

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- Rajivdogra1@gmail.com M- 9876777233