कविता

दिल्ली में कमल खिला

जनता ने अपना श्रेष्ठ नेता सच्चे दिल से चुना,
जीत खुशियों का राजधानी में मधुरम गुनगुना,
वर्षों की धैर्य, तपस्या, त्याग का परिणाम आया,
कमल को धुआंधार बहुमत से विजयी बनाया,

दिल वालों के दिल में आज देखो कमल खिला,
सेवाभावी सरकार को सेवा का सुअवसर मिला,
भारत की राजधानी का स्वरूप अब निखरेगा,
तिरंगे का वर्चस्व सम्पूर्ण विश्व में और चमकेगा ।

जनता का विश्वास, साथ इंद्रधनुषी रंग है लाया,
सरकार ने सुगम विकास का नव अवसर पाया,
सभी देशवासियों को तहे दिल से है बहुत बधाई,
स्वर्णिम जीत की खूबसूरत ऐतिहासिक घड़ी आई ।

सब है एकजुट और तैयार बजेगा डंका जोरदार,
मिलकर संवारेंगे दिल्ली है भारत का गल हार,
पूरे भारतवर्ष में हर्ष उल्लास का सुखद माहौल,
जय हिंद ! जय भारत माता ! के गूंज रहे बोल ।

दिल हो उठा है जवां उम्मीद की किरणें है फैली,
दुल्हन सी सजी दिल्ली मिश्री सी जहां की बोली,
खिलेगा नव विकास नव उत्साह का पूर्ण कमल,
तगड़ा, मजबूत है देशभक्तों का प्रबल दल-बल ।

वंदन, अभिनंदन, आभार है जनता जनार्दन का,
लोकतंत्र की आन, बान, शान, और सम्मान का,
दिल की ये महत्वपूर्ण विजय जीत दिलों के साथ,
निकल पड़े देश प्रेमी एक हो लेकर हाथों में हाथ ।

— मोनिका डागा “आनंद”

मोनिका डागा 'आनंद'

चेन्नई, तमिलनाडु

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